17 जुलाई। सोमवार को गिरिडीह में संघर्ष वाहिनी समन्वय समिति ने द्वारा उत्तर प्रदेश सर्व सेवा संघ वाराणसी में गांधी-जेपी-विनोबा भावे की विरासत को ध्वस्त एवं कब्जा करने के खिलाफ प्रतिरोध दिवस मनाया। इस अवसर पर जेपी सेनानी तथा छात्र युवा संघर्ष वाहिनी के तत्वावधान में जेपी चौक पर सत्याग्रह किया गया। जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर गांधी-जेपी-विनोबा की विरासत को खत्म करने की उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए संघर्ष वाहिनी के पूर्व प्रदेश संयोजक सतीश कुन्दन ने कहा कि उत्तर रेलवे से 1960 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद, लालबहादुर शास्त्री, विनोबा भावे ने रजिस्टर्ड डीड के माध्यम से जमीन खरीदी थी, उसे वाराणसी के कमिश्नर ने कूटरचित दस्तावेज करार कर ध्वंस करने का नोटिस जारी कर दिया जिसके खिलाफ देश भर में 59 दिनों से आंदोलन चल रहा है।
जदयू के जिला अध्यक्ष त्रिभुवन दयाल ने गांधी विचारधारा को समाप्त करने की साजिश करार देते हुए विरोध किया। संघर्ष वाहिनी के रामदेव विश्वबंधु ने कहा सर्व सेवा संघ की स्थापना विनोबा भावे ने की थी, जिस पर जयप्रकाश नारायण ने गांधी विचारधारा पर शोध के लिए गांधी विद्या संस्थान की स्थापना की। अब वहां संघ की राजनीति की जा रही है और जेपी, विनोबा, डा राजेन्द्र प्रसाद, लालबहादुर शास्त्री जगजीवन राम को फ्राड बताया जा रहा है। हर नागरिक को इसका विरोध करना चाहिए। प्रतिरोध कार्यक्रम में वाहिनी के दिलीप कुमार शिलधर, त्रिभुवन दयाल राजकिशोर, मनोज कुमार मुन्ना छात्र युवा संघर्ष वाहिनी के नीतीश, आनंद, आकाश रंजन, शिवम् आदि शामिल थे।
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