23 जुलाई। यूथ फॉर स्वराज ने वाराणसी में सर्व सेवा संघ परिसर को, पुलिस कार्रवाई के बल पर, जबरन खाली कराने की निंदा करते हुए सरकार से मांग की है कि वह ऐतिहासिक महत्त्व की संस्थाओं को नष्ट करने से बाज आए।
सर्व सेवा संघ एक ऐतिहासिक महत्त्व की संस्था है और यह महात्मा गांधी की विरासत का एक प्रतीक है। इस संस्था की स्थापना 1948 में आचार्य विनोबा भावे, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, जयप्रकाश नारायण ने स्वराज के उद्देश्य की सिद्धि में रचनात्मक कार्यक्रम के लिए की थी। इसने सत्य, अहिंसा, बंधुता और समता के आदर्शों को प्रचारित-प्रसारित करने में बड़ी अहम भूमिका निभाई है। रचनात्मक कार्यों और शोषणमुक्त, भेदभावमुक्त समाज के निर्माण की दिशा में इसके प्रयत्नों ने इसे इतिहास में बहुत सम्मानजनक स्थान दिलाया है। सर्व सेवा संघ का वाराणसी परिसर आचार्य विनोबा भावे ने 1960 में स्थापित किया था।
पुलिस और बुलडोजर के बल पर सर्व सेवा संघ पर किया गया हमला हमारी राष्ट्रीय विरासत पर और महात्मा गांधी व अन्य स्वाधीनता सेनानियों पर हमला है। आज गांधी विरासत पर एक के बाद एक लगातार हमले किये जा रहे हैं और एक मनगढ़ंत इतिहास थोपा जा रहा है।
यूथ फॉर स्वराज ने सभी नागरिकों, सिविल सोसायटी के सभी संगठनों से अपील की है कि सर्व सेवा संघ को उजाड़ने, उसके परिसर पर अवैध ढंग से हथियाने का विरोध करें।