सर्व सेवा संघ परिसर पर जबरिया कब्जा स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों का अपमान – रामगोविंद चौधरी

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sarva seva sangh

27 जुलाई। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि गांधी विद्या संस्थान और सर्व सेवा संघ, राजघाट, वाराणसी पर पुलिस के बल पर किया गया जबरी सरकारी कब्जा स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों का अपमान है। स्वतन्त्रता का सम्मान करने वाला कोई भी संवेदनशील आदमी महानायकों के इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रवाद का माला जपने वाली भाजपा सरकार अपने इस कुकृत्य के लिए सम्पूर्ण देश से सार्वजनिक रूप से माफी मांगे और इस परिसर को सम्मान के साथ सर्व सेवा संघ को वापस कर दे।

बुधवार को पत्रकारों और समाजवादी साथियों से हुई बातचीत में सपा के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि बापू के सपनों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आजादी के महानायक लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने छह दशक पहले संत विनोबा भावे की तपोभूमि सर्व सेवा संघ, राजघाट, वाराणसी परिसर में गांधी विद्या संस्थान की स्थापना की थी। डा राजेंद्र प्रसाद, लालबहादुर शास्त्री और बाबू जगजीवन राम जैसे महापुरुष भी इस नेक कार्य में शामिल रहे। उन्होंने कहा है कि डबल इंजन की सरकार भी इस सच से वाकिफ है। फिर भी उसने इस जमीन पर काबिज होने का कुचक्र रचा और 22 जुलाई को पुलिस के बल पर जबरी कब्जा कर लिया।

सपा के राष्ट्रीय सचिव रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि सम्पूर्ण देश में इस समय महंगाई आसमान छू रही है। बेकारी और भ्रष्टाचार चरम पर है। मणिपुर सम्पूर्ण देश को शर्मिंदा करने वाली स्थिति से जूझ रहा है। देश की पूजी चंद धनासेठों की तिजोरी में जमा हो रही है और गरीब को भोजन के लाले हैं और ऐसे में सिर्फ धुआं देने वाली डबल इंजन की सरकार इस स्थिति का मुकाबला करने की जगह जमीन कब्जा करने के खेल में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि कब्जे का यह मामला केवल सर्व सेवा संघ और डबल इंजन की सरकार के बीच का नहीं है। यह मामला अब सम्पूर्ण देश और सरकार के बीच का है। डबल इंजन की सरकार ने इसे लेकर अपने रवैये में बदलाव नहीं किया तो यह देश इस मामले में डबल इंजन की सरकार को कड़ा जवाब देगा।

रामगोविन्द चौधरी ने देश और विशेषकर उत्तर प्रदेश के समस्त स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों, उनके आश्रितों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, लोकतंत्र रक्षक सेनानियों, छात्रों, युवाओं, व्यापारियों, किसानों से देश की आजादी के प्रतीकों को मिटाने व सेनानियों के सपने को मटियामेट करने वाली सरकार के खिलाफ एकजुट होने और आवाज बुलन्द करने की अपील की है।

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