30 जुलाई। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय सर्वोदय साधना केंद्र पर रेलवे विभाग ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। 1960 के दशक में रेलवे विभाग से खरीदे गये इस चौदह एकड़ के केंद्र में सर्वोदय प्रकाशन, शांति सेना कार्यालय, बालवाड़ी, प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, संग्रहालय, पुस्तकालय, खादी भंडार और कार्यकर्ता निवास हैं। उल्लेखनीय है कि इस केंद्र को तत्कालीन रेलमंत्री बाबू जगजीवन राम के निर्देश पर जमीन मुहैया कराई गयी थी और लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री के रूप में इस केंद्र का उदघाटन किया था। गंगा और वरुणा नदियों के तट पर स्थित यह संपत्ति एक रेलमंत्री द्वारा सर्व सेवा संघ को दी गई थी और वर्तमान रेलमंत्री ने एक कॉर्पोरेट निकाय को देने के लिए धोखाधड़ी से हड़प लिया है। मामला अदालत में लंबित है, इसके बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस और रेलवे पुलिस सर्व सेवा संघ के परिसर में घुसी सर्वोदय प्रकाशन की पांच लाख किताबें और पुस्तकालय की किताबें महात्मा गांधी की मूर्ति के नीचे फेंक दीं।
उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के इस कुकृत्य के खिलाफ उत्कल गांधी स्मारक निधि, उत्कल सर्वोदय मंडल, लोक स्वराज ओड़िशा, महात्मा विचार मंच, राष्ट्रीय युवा संगठन की ओर से वरिष्ठ वकील सुरेंद्रनाथ कर की अध्यक्षता में कटक पुरिघाट स्थित गांधीपीठ में सत्याग्रह का आयोजन किया गया। सर्वोदय नेत्री कृष्णा मोहंती, रामचन्द्र शुक्ल, चितरंजन मोहंती, किशोर जेना, जयंत कुमार दास, जुगल किशोर नायक, खगेश्वर सेठी, डॉ. विश्वजीत, मिहिर प्रताप दास, डॉ. अजय पति, ज्ञानरंजन सामंतराय, रवि नारायण मल्लिक, शेख अब्दुल्ला, अमरेंदु मोहंती, विभुप्रसन्ना महापात्र, सब्यसाची मोहंती, दीपायन पटनायक, क्षीरोद कुमार साहू, नमिता मंजरी साहू, प्रसन्न कुमार महापात्र, प्रताप महापात्र, काशीनाथ स्वाइ, मोहम्मद सनाउल्लाह, सैयद अल्ताफ, प्रियब्रत पटनायक, मानस पटनायक शामिल थे। वाराणसी में हुई गैरकानूनी घटना की निंदा की गयी और अगले कुछ दिनों में इस घटना के खिलाफ कटक में एक मार्च का आयोजन किया जाएगा। अंत में विश्वजीत सूर्यवंशी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।