15 अगस्त। मोदी सरकार पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। हाल ही में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने 29.06 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेस-वे की लागत में भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा खुलासा किया है। सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने भारतमाला प्रोजेक्ट को हरी झंडी देते वक्त 18.2 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत तय की थी, बाद में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बोर्ड ने द्वारका एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट का सिविल कॉस्ट बढ़ा कर 7287.3 करोड़ रुपये कर दिया। मतलब कि प्रति किलोमीटर सड़क निर्माण की लागत 251 करोड़ रुपये हो गयी। यानी सीसीईए की ओर से स्वीकृत राशि से 14 गुना ज्यादा हो गई।
इतना ही नहीं सीएजी ने द्वारका एक्सप्रेस-वे के साथ दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस-वे पर निर्माण को लेकर भी सवाल खड़े उठाए हैं। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार यह प्रोजेक्ट सीसीईए की ओर से स्वीकृत परियोजना की सूची में ही नहीं था। यानी एनएचएआई ने अपने स्तर पर 33 हजार करोड़ रुपये खर्च कर लिये। विपक्ष ने सीएजी की रिपोर्ट में सामने आईं अनियमितताओं को लेकर केंद्र सरकार जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि भाजपा का भ्रष्टाचार और लूट देश को नरक की ओर ले जा रहा है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक मीडिया क्लिपिंग सभी से साझा करते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के 75 वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ भाषण देते हैं, और अपने दोस्त के साथ मिलकर देश को लूट रहे हैं।
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