कनहर विस्थापितों की समस्याओं को लेकर प्रशासन से मिला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल

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● कनहर विस्थापितों की समस्याओं का हो समाधान
● बुनियादी सुविधाएं, विस्थापन पैकेज की तत्काल व्यवस्था हो
● जिला प्रशासन से मिला सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल, मुख्यमंत्री के नाम संबोधित हजारों हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा

29 अगस्त। उप्र के सोनभद्र में कनहर विस्थापितों को संविधान के मौलिक अधिकार के तहत गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, शुद्ध पेयजल, सफाई, शौचालय, आवास जैसी नागरिक सुविधा देने, छूटे हुए परिवारों को विस्थापन पैकेज देने, विस्थापन सूची में नाम जोड़ने, केंद्र सरकार से कनहर सिंचाई परियोजना के निर्माण के लिए 1050 करोड़ रुपए जारी करने, अमवार स्थित कनहर विस्थापित कॉलोनी को नई ग्राम पंचायत घोषित करने और आंदोलन के दौरान विस्थापितों पर लगाए मुकदमे वापस लेने की मांगों को लेकर आज विभिन्न दलों और विस्थापित नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने डीएम की अनुपस्थिति में एडीएम सुभाष चंद्र यादव से वार्ता की।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित हजारों विस्थापितों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन को एडीएम को सौंपा और उनसे विस्थापितों की समस्याओं का समाधान करने का अनुरोध किया। एडीएम ने तत्काल अधिशासी अभियंता कनहर सिंचाई परियोजना और बीएसए से विस्थापितों की समस्याओं को लेकर दूरभाष पर वार्ता भी की।

मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि कनहर विस्थापितों के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है। मुख्य बांध बनने से 11 गांव के विस्थापित अपनी गांव, जमीन, घरों से बेदखल हो गए हैं। जिस विस्थापित कॉलोनी में वह रह रहे हैं वहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। सैकड़ों लोगों को आज तक विस्थापन पैकेज नहीं दिया गया। विस्थापितों की जो सूची बनी है उसमें भयंकर अनियमितता है। प्रपत्र तीन और 11 में दर्ज लोगों के नाम को विस्थापन सूची में शामिल नहीं किया गया। इसी प्रकार जिनकी लड़कियां उत्तराधिकारी हैं राजस्व संहिता में नियम होने के बावजूद उन्हें विस्थापन पैकेज का लाभ नहीं दिया जा रहा। जो परिवार जलमग्न टापू में रह रहे हैं उन्हें भी सूची में नहीं जोड़ा गया। इसलिए विस्थापन सूची को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन को नए सिरे से सर्वे करना चाहिए और छूटे लोगों का नाम जोड़ना चाहिए।

ज्ञापन में कहा गया है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व्दारा जिला प्रशासन को निर्देश देने के बावजूद शासन प्रशासन उनकी समस्याओं को हल नहीं कर रहा है। कभी भी वहां भुखमरी और बीमारी के कारण बड़ी दुर्घटना हो सकती है इसलिए तत्काल प्रशासन को पहल लेकर विस्थापितों की समस्या का समाधान करना चाहिए।

प्रतिनिधि मंडल में आईपीएफ के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर, सीपीएम के जिला सचिव नंदलाल आर्य, सीपीआई के जिला सचिव आर के शर्मा, आइपीएफ जिला संयोजक कृपाशंकर पनिका, जिला प्रवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व प्रधान बैरखड इस्लामुद्दीन, विस्थापित नेता व पूर्व प्रधान कोरची गंभीरा प्रसाद, प्रधान प्रतिनिधि सुंदरी जलालुद्दीन, भाकपा नेता एडवोकेट अशोक कन्नौजिया, सीपीएम नेता प्रेमनाथ, प्रेमचंद्र खरवार, रजमनिया आदि लोग शामिल रहे।

– कृपाशंकर पनिका


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