29 अगस्त। राजस्थान के कोटा जिले के हाड़ौती में हाड़ौती किसान यूनियन और समविचार के संगठनों द्वारा आयोजित ग्राम स्वराज सम्मेलन में सरकार द्वारा किसानों की जमीन छीने जाने का मसला छाया रहा। इस मौके पर मुख्य अतिथि थे जय किसान आंदोलन के संस्थापक और स्वराज इंडिया के नेता योगेन्द्र यादव। सांगोद के विधायक भरत सिंह ने कोटा विकास प्राधिकरण द्वारा गांवों के अधिकारों के हनन के बारे में विस्तार से बताया।
ग्राम स्वराज सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा कि किसानों की जमीन चारों तरफ से छीनी जा रही है, कहीं उद्योग के नाम पर, कहीं विकास के नाम पर, कहीं सुरक्षा के नाम पर। आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन से बेदखल किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन का बिल और तीन कृषि कानून वापस लेने के बाद अब केन्द्र सरकार चोर दरवाजे से किसानों की जमीन हथियाना चाहती है। राज्य सरकारों के माध्यम से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करवाये जा रहे हैं।
योगेन्द्र यादव ने प्रचलित विकास मॉडल पर सवाल किया कि क्या खेती के कारण लोगों का पोषण नहीं होता? गाँव न सिर्फ खेती से चलते रहे हैं बल्कि हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग के केन्द्र भी रहे हैं। हमें खेती की जमीन के साथ- साथ गाँव के कौशल को भी बचाना होगा। सरकारें ग्राम स्वराज से उलट काम कर रही हैं। इस मौके पर योगेन्द्र यादव ने यह भी कहा कि आज संविधान के बुनियादी मूल्यों पर हमला हो रहा है जो कि राष्ट्रीय चिंता का विषय है।
हाड़ौती किसान यूनियन के महासचिव दशरथ कुमार ने ग्राम स्वराज की अवधारणा को महात्मा गांधी के चिंतन से जोड़ते हुए कहा कि हाड़ौती किसान यूनियन प्राधिकरण बिल को वापस लेने के लिए जन आंदोलन खड़ा करेगी। इसके लिए कोटा और बूंदी जिलों के किसानों को जागृत किया जा रहा है
सर्व सेवा संघ के किसान नेता चंदनपाल ने कहा कि सरकार चाहती है कि लोग असल मुद्दों पर चर्चा न करें। न्याय, सहिष्णुता और बंधुता संविधान के आधार हैं। आज कुछ लोग आधार को ही उलटने की बात कर रहे हैं।
सम्मेलन के आरंभ में नरेश विजयवर्गीय ने ग्राम स्वराज की गांधीजी की अवधारणा को विस्तार से बताया। समाजसेवी इंजीनियर अजय चतुर्वेदी ने सम्मेलन में आए किसान प्रतिनिधियों और अन्य आगंतुकों का स्वागत किया और आभार जताया। सम्मेलन का संचालन पर्यावरणविद बृजेश विजयवर्गीय ने किया।
सम्मेलन में अर्थशास्त्री प्रोफेसर गोपाल सिंह, शिक्षाविद डॉ गोपाल धाकड़, इंटेक्स के संयोजक निखिलेश सेठी, इंडिया अगेंस्ट करप्शन के विजय पालीवाल, भारत स्वाभिमान आंदोलन के गिरिराज गुप्ता, चंबल सांसद एवं राष्ट्रीय जल बिरादरी के प्रतिनिधियों समेत अनेक गण्यमान्य लोगों ने भाग लिया।