— विमल कुमार —
हनुमान – प्रभु! क्या आपभी चुनाव लड़ेंगे?
राम – अरे अभी कहां चुनाव हो रहा है और मैं अब इस बुढ़ापे में क्या चुनाव लड़ूंगा? कोई मुझे टिकट भी तो नहीं देगा?
हनुमान – अगर आप एक बार हां कर दें तो मैं टिकट दिलवाने की व्यवस्था कर दूंगा। पहले यह बताइए कि आप चुनाव लड़ेंगे?
राम – लेकिन चुनाव हो कहां रहा है?
हनुमान – अरे उसके लिए ही तो संसद का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है जो एक देश एक चुनाव के बारे में अपनी रिपोर्ट देगी।
राम – एक देश एक चुनाव तो ठीक है तब तो सब कुछ एक ही होगा, दो नहीं होगा। केवल प्रधानमंत्री रहेगा और फिर कोई मंत्री नहीं रहेगा। कोई मुख्यमंत्री भी नहीं रहेगा। बस एक देश एक मंत्री। लगता है इसके पीछे कोई गहरी साजिश है?
हनुमान – प्रभु आप भी इंडिया के नेताओं की तरह बयान दे रहे हैं। शुभ शुभ बोलिए! नहीं तो आपके घर भी ईडी भेज दी जाएगी। इनकम टैक्स का छापा पड़ जाएगा।
राम – अच्छा यह बताओ तुम मुझे टिकट किस पार्टी से दिलवाओगे?
हनुमान – देखिए अभी मुंबई में इंडिया की बैठक में टिकट शेयरिंग पर बात हुई है। अब जैसा आपके इलाके में तय होगा उस पार्टी से आपको टिकट दिया जाएगा लेकिन आप इंडिया के ही उम्मीदवार होंगे एनडीए के नहीं।
राम – अगर इंडिया वाले टिकट नहीं देंगे तो क्या मैं एनडीए के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ सकता।
हनुमान – प्रभु ऐसा मत कीजिएगा हमारी तो नाक ही कट जाएगी।
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