22 सितंबर। भाजपा सांसद रमेश विधुड़ी की सदस्यता रद्द की जाए। देश की संसद और विधानसभाओं में बहस के दरम्यान कभी-कभी उत्तेजित वातावरण बन जाता है। उस उत्तेजित माहौल में सदस्यों के मुँह से कभी-कभी असंसदीय शब्द भी निकल जाते हैं। अध्यक्ष या सभापति द्वारा उन शब्दों या वाक्य को असंसदीय करार देकर कार्यवाही से निकाल दिया जाता है। लेकिन कभी-कभी बात और आगे बढ़ जाती है तो अध्यक्ष या सभापति संबंधित सदस्य से सदन में खेद व्यक्त करवाता है।
लेकिन कल तो भाजपा के सांसद ने बसपा के सांसद दानिश अली के विरुद्ध जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया वह सिर्फ दानिश अली का ही नहीं बल्कि भारतीय संसद का अपमान है। राजनाथ सिंह जी ने अपने दल के उक्त सांसद की भाषा के लिए खेद व्यक्त किया है। लेकिन यह महज खेद व्यक्त करने लायक घटना नहीं। सदन के बाहर ऐसी भाषा का प्रयोग, समाज में नफरत फैलाने जैसा दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
अभी तीन दिन पहले प्रधानमंत्री ने अपने उदघाटन संबोधन में नये संसद भवन में सभी सदस्यों से नई शुरुआत करने का अनुरोध किया था। कल संसद में भाजपा सांसद ने जिस भाषा का प्रयोग किया है वह भविष्य के लिए अशुभ संकेत है। इसके विरुद्ध लोकसभा के अध्यक्ष क्या व्यवस्था देते हैं बात सिर्फ इतने ही भर की नहीं है बल्कि प्रधानमंत्री अपनी शुरुआती अपील के प्रति कितना गंभीर हैं, इसकी भी परीक्षा है। मैं तो लोकसभा के अध्यक्ष तथा प्रधानमंत्री जी से भाजपा के उक्त सदस्य की सदस्यता रद्द कर सचमुच एक नई शुरुआत करने की अपील करता हूँ।
– शिवानन्द तिवारी