समाजशास्त्री एवं समाजवादी चिंतक प्रो सत्यमित्र दुबे नहीं रहे

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स्मृतिशेष : प्रो सत्यमित्र दुबे
स्मृतिशेष : प्रो सत्यमित्र दुबे

23 सितंबर। अभी अभी एक बहुत ही दुखद समाचार मिला है। ‘यशभारती ‘और गाज़ीपुर गौरव सम्मान से नवाज़े गए हमारे आदरणीय वरिष्ठ साथी एवं प्रसिद्ध समाजशास्त्री प्रो. सत्यमित्र दुबे नहीं रहे। वह 88 साल के थे।‌ वह बहुत लम्बे अरसे से उम्र की वजह से अस्वस्थ थे। उनका देहांत रविवार 17 सितंबर को नोएडा में हुआ। वह नोएडा में रहते हुए भी गाज़ीपुर से अपनी जड़ों से जुड़े रहे और कभी उससे कटे नहीं। वहां अपने पैतृक गांव जाते रहते थे। उनके निधन से गाज़ीपुर में उनके परिचितों और आम लोगों में शोक की लहर फैल गई।

प्रोफेसर दुबे को विद्वत समाज और समाजवादी जगत में शायद ही कोई ऐसा होगा जो न जानता हो। समाजवादी नेता और चिंतक आदरणीय स्वर्गीय मधु लिमये, रवि राय जी, मुलायम सिंह जी और सुरेंद्र मोहन जी सहित सभी समाजवादी नेताओं से इनका वैचारिक और निजी संबंध रहा। 88 वर्षीय प्रो. दुबे की राजनीति, समाजशास्त्र , साहित्य ,संस्कृति ,कला और विभिन्न विषयों पर गहरी पकड़ थी। गोरखपुर विश्वविद्यालय से इन्होंने प्राध्यापक के रूप में अध्यापन कार्य शुरू किया। बाद में डिब्रूगढ़ में रीडर, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष बने। वह वहां कुलपति भी रहे थे। इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय में भी प्रोफेसर के पद पर रहे। हमारे दिल्ली विश्वविद्यालय और कई कॉलेजों के अतिरिक्त दूसरे विश्वविद्यालयों में अक्सर गोष्ठियों, सेमिनार और चर्चाओं में भाग लेने जाते थे। वह एक अच्छे कवि, लेखक और विद्वान भी थे। इन्होंने समाजशास्त्र पर अनेक पुस्तकें और विभिन्न विषयों पर लेख और निबंध भी लिखे। वह एक राष्ट्रीय स्तर के उच्च कोटि के विद्वान थे।

पिछले काफी समय से उन से भेंट नहीं हुई थी। उनकी बेटियां और पुत्र विदेश में थे। उनके पास समयसमय पर जाते रहते थे। यह अंदाजा था कि शायद वह अपनी बेटी के पास ही विदेश में हैं। पर आज पता चला कि बाद में वह नोएडा के निवास स्थान पर आ गए थे। वहीं पर उनका उपचार और सेवा शुश्रूषा चल रही थी। यह दुखद समाचार लोगों तक समय से नहीं पहुंच पाया। आज उनके पैतृक गांव ददरीघाट गाज़ीपुर में उनका अस्थि विसर्जन हुआ। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक पुत्र हैं।

मैं अपने श्रद्धा सुमन और भावभीनी श्रद्धांजलि प्रो. सत्यमित्र दुबे जी को अर्पित करता हूं। परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार के सदस्यों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।

– हरीश खन्ना


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