नागपुर, महाराष्ट्र: विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने नागपुर में ओरंगजेब की क़ब्र को हटाने की मांग को लेकर एक बड़ा आंदोलन शुरू किया। आंदोलन ने उस समय हिंसक रूप ले गया, जब प्रदर्शनकारियों ने मजार की चादर को आग के हवाले कर दिया, जिससे शहर में तनाव फैल गया और दंगे भड़क उठे।
घटना का विस्तार: आंदोलन की शुरुआत उस समय हुई जब विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने ओरंगजेब की क़ब्र हटाने की मांग को लेकर आंदोलन की आड़ में मज़ार पर चढ़ाई जाने वाली चादर को जूतों से कुचल कर आग लगा दी जिससे मुसलमानों की धार्मिक भावना आहत होने पर हिंसा भड़क गई।
दंगे और हिंसा: चादर जलाने की घटना के बाद, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें शुरू हो गईं। गुस्साई भीड़ ने शहर के विभिन्न हिस्सों में तोड़फोड़ की और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया गया। घरों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया, जिससे कई लोग घायल हो गए। माहौल इस हद तक बिगड़ गया कि शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ: इस घटना को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ सामने आई। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया और घटना के पीछे साजिश का आरोप लगाया। वहीं, भाजपा और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने इसे धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की।
प्रभाव और भविष्य की स्थिति: नागपुर में घटित इस हिंसक घटना की वजह से पूरे राज्य में तनाव व्याप्त है। प्रशासन ने कहा है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शहर में शांति स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह घटना यह दर्शाती है कि धार्मिक संवेदनशीलता को लेकर समाज में नफरत और हिंसा की स्थितियाँ बन सकती हैं।
प्रशासन और पुलिस बल के मुताबिक, वे पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।