नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस 19-20 अप्रैल, 2025 को सम्पन्न हुआ ! सी एफ डी की स्वर्ण जयंती उसी सभागार में आयोजित हुआ जहां आज से पांच दशक पूर्व 1974 में 13 अप्रैल को इस नागरिक संगठन की स्थापना हुई थी और जिसके प्रथम अध्यक्ष लोकनायक जयप्रकाश नारायण बने थे और जिसकी स्थापना में जस्टिक तारकुंडे, बी बी जॉन, एम.सी छागला जैसे नायकों ने योगदान किया था। सी एफ डी का दो दिवसीय कांफ्रेंस उद्घाटन सत्र सहित आठ सत्रों में संपन्न हुआ । इस स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस का प्रारंभ सी एफ डी के अध्यक्ष एस आर हीरेमठ के स्वागत भाषण से हुआ और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन लोकुर ने ‘ संवैधानिक नैतिकता पर अपने संबोधन के साथ स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस का उद्घाटन किया। कांफ्रेंस के दूसरे सत्र की अध्यक्षता सी एफ डी के महासचिव एन डी पंचोली ने की और प्रसिद्ध समाजशास्त्री प्रोफेसर आनंद कुमार ने भारत की राजनैतिक परिस्थिति और लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियों पर अपना व्याख्यान दिया । लंच के पश्चात तीसरे सत्र में भारत में चुनाव तथा राजनैतिक सुधार पर भारतीय निर्वाचन आयोग के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने देश के कोने कोने से आए सी एफ डी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। सी एफ डी के कोषाध्यक्ष दीपक धोलकिया ने इस सत्र की अध्यक्षता की। दिन का अंतिम सत्र नागरिक अधिकार आंदोलन और मीडिया पर केंद्रित था और जे पी आंदोलन की नेत्री मणिमाला तथा मीडियाकर्मी श्याम यामिनी क्षितिज ने इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। सत्र की अध्यक्षता सी एफ डी के उपाध्यक्ष तेजिंदर सिंह आहूजा ने किया।
स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस के दूसरे दिन के पहले सत्र की अध्यक्षता आईकेन के अध्यक्ष अरविंद मूर्ति ने की और अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले तथा लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान के सह संयोजक मंथन ने भारत में ग्रासरूट डेमोक्रेसी विषय पर प्रतिनिधियों को संबोधित किया। दिन के दूसरे सत्र की अध्यक्षता सी एफ डी के अध्यक्ष एस आर हीरेमठ ने किया और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार ने देश में बढ़ती सामाजिक – आर्थिक विषमता तथा बेरोजगारी पर विस्तृत प्रकाश डाला । इसी सत्र के दूसरे वक्ता प्रसिद्ध पर्यावरणविद राजेश रामाकृष्ण ने भारत में पर्यावरण तथा प्राकृतिजीवी समूहों पर अपने विचार रखें। दूसरे दिन के दो अंतिम सत्र सी एफ डी के संगठन तथा भविष्य के कार्यक्रमों पर केंद्रित रहा । इसी अंतिम सत्र में सी एफ डी के नए अध्यक्ष , महासचिव तथा राष्ट्रीय परिषद के पैतालीस सदस्यों की सर्वसहमति से घोषणा की गई। दो उपाध्यक्ष तथा कोषाध्यक्ष उन्हें ही बनाए रखने का निर्णय हुआ जो पहले से कार्यरत थे । निवर्तमान अध्यक्ष एस आर हीरेमठ तथा महासचिव एन डी पंचोली के महत्वपूर्ण योगदान के लिए सी एफ डी की ओर से आभार प्रकट किया गया और उन्होंने सी एफ डी के नए अधिकारियों को भविष्य में भी सतत् सहयोग और मार्गदर्शन का आश्वासन दिया। स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस में देश के 13 राज्यों के प्रतिनिधियों ने शामिल होकर हर सत्र में अपने विचार रखे और सी एफ डी को मजबूत करने तथा युवाओं , महिलाओं, समाज के दलित, आदिवासी, पिछड़े तथा अल्पसंख्यकों की और भागीदारी बढ़ाकर उन्हें नेतृत्व में उचित प्रतिनिधित्व के लिए प्रयास का सुझाव दिया। जम्मू एवं कश्मीर के प्रतिनिधियों ने जम्मू एवं कश्मीर में नागरिकों की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने में सी एफ डी की अधिक सक्रियता की मांग की ।
उन्होंने सी एफ डी की जम्मू एवं कश्मीर में कार्यक्रम करने के लिए प्रस्ताव रखा और इसका आमंत्रण भी दिया । कांफ्रेंस में नागरिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक एकता , पर्यावरण सुरक्षा , आर्थिक समानता तथा लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए चुनाव तथा राजनैतिक सुधार और देशभर के सहमना नागरिक संगठनों से संवाद और साथ संघर्ष करने के पक्ष में सर्वसहमति से प्रस्ताव पारित किया गया । इसके साथ ही आपातकाल के दौरान 12 अक्टूबर , 1975 को सी एफ डी की और से आयोजित अखिल भारतीय नागरिक स्वतंत्रता सम्मेलन की पचासवीं सालगिरह मनाने के लिए इस वर्ष 12 अक्टूबर को अहमदाबाद में कार्यक्रम का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही युवाओं और महिलाओं का एक तीन दिवसीय कैंप पुणे में आयोजित करने का फैसला किया गया। इसके साथ ही अगस्त महीने में दिल्ली में भी कार्यक्रम करने का सुझाव भी स्वीकार किया गया। सी एफ डी का एक ब्रोशर भी प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया । प्रत्येक महीने 10 तारीख के आस पास एक ऑनलाइन मीटिंग करने पर सहमति बनी।
सी एफ डी के आयोजन सचिव शशि शेखर सिंह ने सभी सत्रों का संचालन किया तथा उन्होंने स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस में देशभर से आए प्रतिनिधियों तथा लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान, पी यू सी एल, सर्व सेवा संघ, आईंकेन, जे पी फाउंडेशन, नागरिक मंच , गांधी शांति प्रतिष्ठान के साथ साथ अन्य विभिन्न नागरिक संगठनों तथा सम्मानित साथियों के आर्थिक व अन्य सहयोग के लिए उनके प्रति हार्दिक आभार प्रगट किया। विशेष कर श्याम यामिनी क्षितिज, रणधीर गौतम, संत प्रकाश के द्वारा दोनों दिन के कार्यक्रमों की रिकॉर्डिंग में सहयोग तथा रवि किरण रेड्डी और डॉक्टर राजेश कुमार द्वारा कर्मक्रम के दौरान युवा साथियों के साथ मिलकर रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी के लिए उन्हें धन्यवाद दिया गया।
सी एफ डी की नई टीम :
अध्यक्ष – प्रोफेसर आनंद कुमार
उपाध्यक्ष – रामशरण
उपाध्यक्ष – तेजिंदर सिंह आहूजा
महासचिव – शशि शेखर सिंह
कोषाध्यक्ष – दीपक धोलकिया
राष्ट्रीय परिषद
1. एस आर हीरेमठ
2 एन डी पंचोली
3. राम शरण
4. तेजिंदर सिंह आहूजा
5. अमिता बुच
6. नूतन मालवी
7. किरण निशांत
8. मनीषा बनर्जी
9. आनंद कुमार
10. दीपक धोलकिया
11.योगेश कामदार
12. ज्ञानेन्द्र
13. मंथन
14.शालू निगम
15. वर्तिका
17. श्याम यामिनी क्षितिज
18. रणधीर गौतम
19. संत प्रकाश
20. जागृति राही
21.मालती मैत्रेय
22. सुरेंद्र कुमार
23.अविनाश पाटिल
24.अनिल सिंहा
25.अरुण माझी
26.अमित श्रीवास्तव
27.अशोक भारती
28.सुनीलम
29. प्रभात
30. रूपेश कुमार
31.राम धीरज
32. घनश्याम
33. सुगाता श्रीनिवासराजू
34. प्रफुल्ल सामंत्रा
35.प्रवीर पीटर
36.राजेश रामाकृष्ण
37.रविकिरण रेड्डी
38. जस्टिस गोपाल सिंह
39.राजेंद्र राठौर
40.जसवीर सिंह
41. डॉक्टर ओमशंकर
42. अरविंद मूर्ति
43.शशि शेखर सिंह
44. अरुण त्रिपाठी
45. ख्वाजा अस्लम
सलाहकार परिषद
1. प्रोफेसर आशीष नंदी
2. प्रोफेसर अरुण कुमार
3. प्रोफेसर जगदीप छोकर
4. विजय प्रताप
5. चंदन पाल
6.रमेश अवस्थी
7. टी आर चंद्रशेखर
8. जयशंकर गुप्ता