15 जुलाई 2025 की ऑनलाइन पाक्षिक बैठक में इन साथियों की उपस्थिति रही: मंथन, आनंद कुमार, दीपक धोलकिया, योगेंद्र, कारू, कुमार चंद्र मार्डी, अफजल अनीस, अशोक विश्वराय, विरेंद्र कुमार, ईश्वर अहिरे, वासंती दिघे, रामशरण, गोविंद चव्हान, अशोक सोमल, किरण, अंबिका यादव, जयंत दिवाण, राजेश कुमार, क्षितिज यामिनी श्याम, मनीषा बनर्जी, रूपेश कुमार, दिनेश प्रियमन, मणिमाला, संध्या एदलाबादकर, अरविंद मूर्ति, ज्ञानेंद्र कुमार, जागृति राही, रणधीर गौतम.
गतिविधियों की रपट
पहले विभिन्न कार्यसमूहों की रिपोर्ट रखी गयी। सबसे पहले पर्यावरण ग्रुप की रिपोर्ट आई। तीन चार बार चर्चा करके विजन, मिशन, एवं प्रोग्राम को अंतिम रूप दिया गया है। अभी यह मान लिया गया है कि यह फाइनल है। समय-समय पर सुझावों के हिसाब से इसमें परिवर्तन होता रहेगा। माह में दो बार बैठक का सिलसिला जारी है। इस ग्रुप के अशोक सोमल, दीपक धोलकिया और संध्या एदलाबादकर ने अपनी रिपोर्ट रखी। अशोक सोमल पर्यावरण के मसले पर स्कूलों में कार्यक्रम कर रहे हैं। 15 जुलाई को उन्होंने धर्मशाला के मेयर से बात की। इसी रिपोर्ट में एक बात यह भी आई कि एक व्यक्ति ने बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भूमि पर वृक्ष लगाए हैं। उनसे संपर्क करने की कोशिश दीपक धोलकिया कर रहे हैं। संपर्क हो जाने पर उनका अनुभव ऑनलाइन सुनने की योजना है।
साम्प्रदायिकता विरोधी ग्रुप की रपट मनीषा और किरण आदि ने रखी। इस ग्रुप की एक ऑनलाइन बैठक देश के विभिन्न हिस्सों में बांग्लादेशी का भ्रम रचकर बांग्लाभाषी आप्रवासी मजदूरों पर हो रहे प्रशासनिक, पुलिसिया दमन पर तथ्यों के साथ चर्चा चली। उस आधार पर एक वक्तव्य तैयार कर ग्रूप में डाल दिया गया है।
चुनाव और राजनीतिक सुधार समूह के शशिशेखर सिंह ने बताया कि इस पर सीएफडी और अभियान की एक साथ काम की मानसिकता बनी है। सीएफडी की ओर से इस विषय पर राष्ट्रपति को एक पत्र भेजा जा रहा है।
युवा और रोजगार कार्यसमूह की रिपोर्ट नहीं आ सकी। शिक्षा और स्वास्थ्य समूह की ओर से मंथन ने जानकारी दी कि इस बीच कोई गतिविधि नहीं हो सकी है।
11 जुलाई , 2025 को गांधी संग्रहालय में लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान का बिहार सम्मेलन हुआ। 70-80 सहभागी थे। बोधगया भूमि संघर्ष क्षेत्र और मधुबनी के लगभग आधा से ज्यादा थे। वहां से एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसमें स्पष्ट रूप से बिहार विधान सभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के समर्थन में सक्रिय भूमिका लेने निर्णय हुआ। सम्मेलन सम्पन्न होने के बाद सहभागी जुलूस निकाल कर थोड़ी दूर स्थित जेपी प्रतिमा के पास गये और वहां एस आई आर की प्रति जलाई। यह जानकारी कारू और रूपेश ने दी। भीतिहरवा गांधी आश्रम से बीहपुर भागलपुर तक ‘बदलो बिहार नयी सरकार’ नामक एक यात्रा तुषार गांधी के नेतृत्व में चली। इसमें कारू, मंथन जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान के सक्रिय नेतृत्व और प्रमुख पहचान से जुड़े साथी भी शामिल रहे।
विषय चर्चा
बांग्लाभाषियों को संदिग्ध बांग्लादेशी बताकर प्रशासनिक अत्याचार के मसले को एक अलग से चर्चा का मसला भी बनाया गया था। चर्चा की शुरूआत मनीषा बनर्जी ने की। कहा कि बांग्लाभाषियों के लिए विभाजन के बाद का सबसे भयंकर समय आज है। बांग्लाभाषी को सीधे पकड़ कर बांग्ला देश भेजने की घटना घटी है। 25 मई,2025 को पांच लोगों को पकड़कर नो मैन्स लैंड में रख दिया। 11 जुलाई को झारसुगुड़ा में लगभग 450 लोगों को पकड़ा गया। आधार दिखाने पर उसे मान्य नहीं किया गया। दिल्ली के जयहिंद कॉलोनी में बरसों से बसे बंगालियों के बिजली और पानी के लाइन काट दिये गये। कुछ मटुआ लोगों के आइडेंटिटी कार्ड को नहीं माना जा रहा। अनेक को रोहिंग्या बताकर कार्रवाई की जा रही है। थोड़ा देर के लिए मान भी लें कि उनमें कुछ बांग्ला देशी हो सकते हैं। लेकिन बांग्लादेशी पर भी इतना नफरत और अत्याचार क्यों। असम के बराक घाटी के तीन जिलों में तो बांग्ला भाषा प्रथम भाषा है, वहां क्या करेंगे।
इस चर्चा में जयंत, योगेन्द्र,मणिमाला, शशिशेखर सिंह, दिनेश प्रियमन, रामशरण, रूपेश , दीपक धोलकिया, आनंद कुमार, गोविन्द चव्हाण ने भी अपनी बात रखी। मणिमाला ने कहा कि मिस-इनफार्मेशन बहुत फैलाया जा रहा है। मसलन कहा जा रहा है कि पश्चिमी बंगाल में मुसलमान 33% हो गये हैं। मनीषा सारे जरूरी तथ्य डालें। शशिशेखर सिंह ने इस साम्प्रदायिक वातावरण का बेतुकापन उजागर करते हुए पूछा क्या हम पंजाबीभाषियों को पाकिस्तानी कहने लगेंगे। दीपक धोलकिया ने भारतीय भाषा समूह के अनिल चमड़िया से बात कर कुछ पहल की बात की।
इस पर अनेक सुझाव भी आये। राष्ट्रपति को पत्र भेजा जाय। दिल्ली में बहुभाषी सहभागिता से प्रतिवाद हो। अलग अलग भाषाभाषियों संयुक्त कमिटी बनाकर देश के कोने कोने कुछ हो। इस भाषिक साम्प्रदायिकता के विरोध में प्रतिवाद हस्ताक्षर जारी हो।
गांधीवादियों पर माओवादियों के संरक्षण का भाजपाई आरोप जयंत और जागृति राही ने जानकारी दी कि विदर्भ के आरवी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुमित वानखेडे ने एक अखबार में यह बात कही है। सुमित वानखेडे मुख्यमंत्री फड़नवीस के पीए रहे हैं। पुणे में बनारस के एक व्यक्ति ने गैंता से गांधी की एक मूर्ति तोड़ दी। इस पर आनन्द कुमार का यह सुझाव मान्य हुआ कि गांधीयन संस्थान इस प्रश्न पर हस्तक्षेप की पहल लें। लो रा अ उस भूमिका को समर्थन दे।
युवा समावेश
इस विषय पर पहले भी चर्चा हुई है। यह तय हुआ है कि चिन्हित युवाओं की दो दिन की बैठक हो। रामशरण जी ने भागलपुर में 30-40 युवाओं का दो दिन का कार्यक्रम बिहार विधानसभा चुनाव के बाद करने का जिम्मा लिया। चर्चा से यह भी तय हुआ कि युवाओं की ऑनलाइन बैठक का एक दौर चलाने के बाद इस कार्यक्रम के लिए युवाओं को चिन्हित किया जायेगा।
इस आयोजन के लिए एक टीम बनाई गयी। इस टीम में कुमार दिलीप, रणधीर गौतम , क्षितिज यामिनी श्याम, रामशरण, योगेंद्र, जागृति राही, मनीषा, उदय, शशिशेखर सिंह, मंथन और किरण शामिल हैं। सभी अपने सम्पर्क के युवाओं को इस कार्यक्रम में लायेंगे। इस भूमिका में टीम में अन्य साथी को भी जोड़ा जा सकता है।
अन्त में आनंद जी ने सुझाव दिया कि लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान को भी 1 और 15 तारीख की बैठक से अलग किसी दिन दादा भाई नौरोजी पर विशेष कार्यक्रम करना चाहिए।
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