भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा किन्हीं विशेष परिस्थितियों में दिये गए त्यागपत्र से उत्पन्न उपचुनाव की स्थिति में हो रहे मतदान में आप भाग ले रहे हैं। आप जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि हैं, भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, संघर्षों, बलिदान से मिली, आजादी से बने लोकतांत्रिक समाजवादी गणराज्य के आप ट्रस्टी हैं।
आज की विषम, भयानक राजनीतिक परिस्थिति से भी आप भली भांति परिचित हैं। सत्ताधारी भाजपा के शासन में किस प्रकार लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचलकर अधिनायक प्रवृत्ति से शासन संचालित किया जा रहा है। भारत की स्थापित गुटनिरपेक्ष विदेश नीति को त्याग कर भारत के प्रधानमंत्री ने विदेश नीति को निजी दोस्ती का रूप देकर हास्यास्पद पद बना दिया। देश की स्थाई अर्जित की गई संपत्ति, पूंजी को चंद पूंजीपति घरानों के हाथ में लुटा दिया। बेरोजगारों के रोजगार मांगने पर लाठी गोली से उन पर प्रहार किया जा रहा है। भारत में सांप्रदायिक सद्भाव के स्थान पर धर्म और जातियों में संघर्ष, वैमनस्य सरकार द्वारा फैलाया जा रहा है। कानून के शासन के स्थान पर अपने राजनीतिक विरोधियों को ईडी,सीबीआई, पुलिस जैसी सरकारी एजेंसियों से लगातार उत्पीड़ित कर डराया धमकाया जा रहा है। भारत में निष्पक्ष चुनाव प्रणाली को समाप्त कर चुनाव आयोग को अपना गुलाम बना दिया गया। सरकारी दमनकारी नीतियों के विरुद्ध हो रहे प्रतिकार, संघर्ष, शांतिपूर्ण सत्याग्रह को सरकारी हिंसा से दबाने का प्रयास हो रहा है। लोकतंत्र के चौथे खंबे पत्रकारिता पर पूर्ण प्रतिबंध से भी आप भली-भांति परिचित है। कहना ना होगा कि आज भारत में अघोषित आपातकाल लागू है।
ऐसे संकट काल में हम हिंदुस्तान के समाजवादी जो महात्मा गांधी, आचार्य नरेंद्र देव, युसूफ मेहरअली, जयप्रकाश नारायण, कमला देवी चट्टोपाध्याय, डॉ राममनोहर लोहिया से प्रेरणा लेते हैं, आपसे अपील करते हैं कि आप इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को विजयी बनाकर लोकतंत्र के पक्ष में तथा सांप्रदायिक, तानाशाही को शिकस्त दें।
श्री बी सुदर्शन रेड्डी ना केवल उच्च कोटि के न्यायविद हैं, लोकतांत्रिक मूल्यों के पक्ष में उनका सदैव निर्णय रहा है। सांप्रदायिक सद्भाव, समाजवादी विचार दर्शन जो समता संपन्नता पर आधारित है उससे वे सदैव जुड़े रहे हैं। सादगी, ईमानदारी, सिद्धांत प्रियता का उन्होंने सदैव अनुसरण किया है। हम समाजवादी दशकों से उनके इतिहास, कार्य प्रणाली पर गौरवान्वित अनुभव करते रहे हैं। आपसे पुनः अपील है कि लोकतंत्र पर आसन: खतरे को परास्त करने के लिए पार्टी, गुट, संगठन के बंधनों से मुक्त होकर आप अपनी अंतरात्मा की आवाज पर न्यायाधीश भी सुदर्शन रेड्डी का समर्थन कर लोकतंत्र समाजवाद की पक्षधर्ता करेंगे।
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