2011 से 2021 के बीच 13,000 से अधिक लोगों को राजद्रोह का आरोपी बनाया गया

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14 अप्रैल। एक ऑनलाइन मीडिया समूह, एरिटसिल-14 ने देशद्रोह (IPC 124A) के इस्तेमाल पर एक अध्ययन किया है। रिपोर्ट का शीर्षक ‘ए डिकेड ऑफ डार्कनेस’ है।

रिपोर्ट की मुख्य बातें

फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, यूट्यूब और टिकटॉक पर कथित रूप से ‘राष्ट्र विरोधी’ या ‘पाकिस्तान समर्थक’ सामग्री पोस्ट करनेवालों के खिलाफ 11 वर्षों में, 106 देशद्रोह के मामले दर्ज किए गए थे। एक मामले को छोड़कर सभी मामले 2014 के बाद दायर किए गए थे।

2014 के बाद, जब से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आयी है, देशद्रोह के आरोप में महिलाओं की संख्या में 190 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इन महिलाओं में कलाकार, फिल्म निर्माता, शिक्षाविद, आदिवासी, कार्यकर्ता, छात्रा, गृहिणी, राजनीतिज्ञ आदि शामिल थीं।

2010 से 2021 के बीच राजनेताओं और सरकारों की आलोचना करने के लिए 405 भारतीयों के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के 96% मामले 2014 के बाद दर्ज किए गए थे। 149 लोगों पर प्रधान नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘आलोचनात्मक या अपमानजनक’ टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था, और 144 लोगों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के खिलाफ ‘आलोचनात्मक या अपमानजनक’ टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था।

यूपीए-2 सरकार (2010-2014) द्वारा दर्ज किए गए 279 राजद्रोह के मामलों में से 39% तमिलनाडु में परमाणु संयंत्र का विरोध करनेवालों के खिलाफ थे। बाकी ज्यादातर माओवादियों के खिलाफ थे। मोदी सरकार (2014-2020) द्वारा दायर 519 राजद्रोह के मामले बड़े पैमाने पर विरोध आंदोलनों, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों के खिलाफ थे।

देशद्रोह के आरोपितों ने अधीनस्थ अदालतों द्वारा जमानत दिए जाने तक औसतन 50 दिनों तक तथा उच्च न्यायालय द्वारा ऐसा किए जाने तक 200 दिनों तक जेल में बिताए। निचली अदालतों ने अधिकांश जमानत खारिज कर दी। उच्च न्यायालयों ने सात जमानत को छोड़कर अधिकांश जमानत को खारिज कर दिया।

जब कोई अदालत जमानत मंजूर करती है, तो वह आरोपी को 10,000 रुपये से 200,000 रुपये तक के जमानत बांड का भुगतान करने के लिए मजबूर कर सकती है। देशद्रोह के लगभग सभी आरोपी जिनका हमने साक्षात्कार लिया, उन्होंने कहा कि उन्होंने जमीन, आभूषण, पशु आदि बेचा था या फिर कानूनी फीस और जमानत बांड का भुगतान करने के लिए कर्ज लिया था।

हमारे डेटा में पाया गया, कि जिन 126 लोगों के खिलाफ विवेचना समाप्त हो गयी है, उनमें से 98 को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था। केवल 13 को देशद्रोह के आरोपों के कारण दोषी ठहराया गया था। यह 0.1% की सजा दर है।

(article-14.com से साभार)

अनुवाद – अंकित कुमार निगम

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