मारुति सुजुकी के मजदूर संगठनों ने किया रैली का ऐलान, 10 साल से जेल में बंद मजदूर की रिहाई की माँग

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15 जुलाई। गुड़गाँव मानेसर स्थित मारुति सुजुकी मजदूर संघ और अन्य ट्रेड यूनियन 18 जुलाई को मारुति आंदोलन के 10 साल पूरे होने पर एक रैली का आयोजन करेंगे। यह रैली सोमवार 4 बजे राजीव चौक, गुरुग्राम से लघु सचिवालय तक निकली जाएगी। रैली के बाद सभी संगठनों का सामूहिक ज्ञापन डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर को सौंपा जाएगा। इस रैली में मारुति सुजुकी गुड़गाँव यूनियन, मारुति सुजुकी मानेसर यूनियन, पावरट्रेन मानेसर यूनियन, सुजुकी बाइक खेड़की दौला यूनियन, सनबीम यूनियन गुडगाँव व बेलसोनिका यूनियन मानेसर इन सभी संगठनों के सदस्य भाग लेंगे।

गौरतलब है, कि मारुति आंदोलन के दौरान 18 जुलाई 2012 को एक घटना हुई जिसके मारुति प्लांट को बंद कर दिया गया था। साथ ही हजारों मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया गया था और सैकड़ों को जेल में डाल दिया गया था, साथ ही 13 मजदूरों को उम्रकैद की सजा सुनाई गयी थी। 18 जुलाई 2012 से अब 18 जुलाई 2022 तक इस घटना को 10 साल पूरे हो रहे हैं, लेकिन आज भी जेल में बंद एक मजदूर को रिहा नहीं किया गया है। संगठन के सदस्यों का आरोप है, कि नए श्रम कानूनों में भी मजदूर विरोधी बदलाव किए गए है जिसके बाद मजदूर वर्ग की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।

संगठनों की माँग है कि –

# 10 साल से जेल में बंद मजदूर को रिहा किया जाए।

# 18 जुलाई 2012 को गैरकानूनी तौर पर नौकरी से निकाले गए मारुति के 546 मजदूरों की बहाली की जाए।

# नए लेबर कोड तत्काल वापस लिए जाए।

# संस्थानों के अंदर मजदूरों को होने वाली समस्यों का तत्काल निवारण किया जाए।

मारुति के मानेसर प्लांट में 18 जुलाई, 2012 की घटना के बाद तकरीबन 3000 मजदूर बर्खास्त किए गए थे। इसमें 546 स्थायी मजदूर और 2500 ठेका मजदूर शामिल थे। साथ ही मारुति सुजुकी, मानेसर के प्रबंधन द्वारा 18 जुलाई 2012 को प्लांट में साजिशपूर्ण घटना के बाद से 13 मजदूरों पर झूठे आरोप लगाकर जेल में बंद कर दिया था जिसमें से एक मजदूर को अभी तक रिहा नहीं किया गया है। इसी संघर्ष और गैरमुंसिफाना सजा के दौरान दो मजदूरों पवन दहिया व जियालाल की बीते साल दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई थी।

(‘वर्कर्स यूनिटी’ से साभार)


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