16 जुलाई। सिक्किम सहित कई राज्यों में सक्रिय राष्ट्रीय किसान संगठन जय किसान आंदोलन ने आज सिक्किम सरकार के कृषिमंत्री श्री लोकनाथ शर्मा को पत्र लिखकर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा द्वारा 2019 में किए गए चुनावी घोषणापत्र के वादे, जहाँ उन्होंने सरकार बनाने के 100 दिनों के भीतर किसानों के 5 लाख रुपये तक के ऋण को माफ करने और उनके मूल दस्तावेज वापस करने की बात कही थी, को न पूरा होने की याद दिलाई।
माननीय मंत्री को यह भी याद दिलाया गया, कि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के घोषणापत्र में उल्लेख किया गया था, “कि यह देखा गया है कि किसानों ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ऋण लिया है और वापस भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे संस्थानों में मूल दस्तावेज गिरवी रख लिये गए हैं। इससे उनके बच्चों को आधिकारिक दस्तावेजों के लिए आवेदन करने में कठिनाई हो रही है” और इसलिए सिक्किम के किसान-मतदाताओं के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए वादे का सम्मान करना पार्टी का कर्तव्य है।
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने 27 मई, 2019 को सरकार बनाई, तब से लेकर 100 दिनों की वादा पूरी करने की अवधि 4 सितंबर 2019 को समाप्त हो गई। अब लगभग 1200 दिन बीत चुके हैं और वादा आज भी अधूरा है।
जय किसान आंदोलन सिक्किम के अध्यक्ष केदारनाथ तिवारी ने कहा, “हमने मंत्री से अनुरोध किया है कि वे सूचित करें : (1) क्या किसानों के 5 लाख रुपये तक ऋण माफी और किसानों के मूल दस्तावेजों की वापसी के लिए कोई आदेश/अधिसूचना जारी की गई है? (2) यदि ऐसी कोई आदेश/अधिसूचना जारी नहीं की गई है, तो किसानों से की गई प्रतिबद्धता को पूरा करने में देरी के क्या कारण हैं? (3) क्या सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा सरकार के पास किसानों की कर्जमाफी के वादे को पूरा करने की कोई तत्काल योजना है?
जय किसान आंदोलन ने सिक्किम सरकार को चेतावनी भी दी है, कि किसानों से किये गये वादे को पूरा न करने पर सिक्किम राज्यव्यापी लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू करेंगे।
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