गुड़गाँव में नपिनो मजदूरों के समर्थन में इलाकाई यूनियनों की सामूहिक रैली 3 अगस्त को

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1 अगस्त। नपिनो ऑटो में हड़ताल चलते 16 दिन हो चुके हैं। 29 जुलाई को ट्रेड यूनियन काउंसिल के आह्वान पर इलाके की विभिन्न यूनियनें और मजदूर संगठन नापिनो गेट पर पहुँचे। संघर्ष का सक्रिय समर्थन किया, आर्थिक सहयोग दिया और 3 अगस्त को राजीव चौक से डीसी ऑफिस गुड़गाँव तक जुलूस निकालकर उपायुक्त को ज्ञापन देने का कार्यक्रम तय किया। ज्ञात हो, कि मानेसर स्थित नपिनो ऑटो एण्ड इलैक्ट्रॉनिक लिमिटेड यूनियन के स्थायी मजदूर 14 जुलाई से लगातार हड़ताल पर हैं। प्लांट के अन्दर और बाहर मजदूर धरना डाल कर बैठे हैं। पुरुषों के साथ-साथ महिला मजदूर भी कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष में डटी हुई हैं।

दरअसल कंपनी में मजदूरों का सामूहिक माँगपत्र 4 साल से मैनेजमेंट के पास बिना कार्यवाही के पड़ा हुआ है। 4 वर्षों से श्रम अधिकारी भी वार्ताओं की महज खानापूर्ति कर रहे हैं। इधर समझौता वार्ता की प्रक्रिया में प्रबंधन ने 6 मजदूरों को निलंबित कर दिया है। प्लांट में 270 स्थायी मजदूर हैं और इससे दुगनी संख्या में (500 से ज्यादा) अस्थायी मजदूर हैं। गुडगाँव-मानेसर में कम्पनी के कुल तीन प्लांट हैं जिनमें से मात्र इस प्लांट में स्थायी मजदूर हैं। अन्य दोनों प्लांट के सभी मजदूर अस्थायी हैं और वहाँ कोई यूनियन भी नहीं है। गुडगाँव-मानेसर की ट्रेड यूनियन काउंसिल के आह्वान पर 29 जुलाई को इलाके की तमाम यूनियनें और मजदूर संगठन नापिनो गेट पर पहुँचे और आमसभा की। साथ ही नपिनो के संघर्ष का समर्थन किया, कुछ यूनियनों ने आर्थिक सहयोग भी किया।

इस दौरान आंदोलन को मजबूती देने के आह्वान के साथ सामूहिक निर्णय लिया कि 3 अगस्त को शाम 3 बजे सभी यूनियनें व मजदूर राजीव चौक से डीसी ऑफिस गुड़गाँव तक जुलूस निकालेंगे और डी.सी. को ज्ञापन देंगे। इस दौरान एटक से अनिल पवार, एचएमएस से जसपाल राणा, मजदूर सहयोग केंद्र से खुशीराम, होंडा मानेसर से अशोक यादव, बेल्सोनिका से अजीत, सीटू, मुंजाल शोवा, सनबीम, सोना स्टीयरिंग, कपारो मारुति, हाईलेक्स और अन्य कंपनियों की यूनियनें और मजदूर संगठनों के नेता शामिल रहे। प्रबन्धन मजदूरों की हड़ताल तोड़ने के लिए तरह तरह के षड्यंत्र कर रहा है। शौचालय बन्द कर व पानी की सप्लाई रोकर मजदूरों को प्रताड़ित कर रहा है। लेकिन मजदूर तमाम परेशानियों, षड्यंत्रों का सामना करते हुए आंदोलन में मजबूती से खड़े हैं और हड़ताल जारी रखे हुए हैं।

(‘वर्कर्स यूनिटी’ से साभार)

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