26 अगस्त। देश में भीषण बेरोजगारी और बढ़ती आत्महत्या के खिलाफ युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में चम्पारण से शुरू हुई ‘हल्लाबोल यात्रा’ गुरुवार को मधेपुरा पहुंच गयी। शुक्रवार को हल्लाबोल यात्री अररिया पहुंचे। दोनों जिलों में यात्रा का जोरदार स्वागत हुआ।
मधेपुरा में मेडिकल कॉलेज के पास से युवाओं ने बाइक रैली निकालकर टीपी कॉलेज तक अनुपम के समर्थन में मार्च किया। रैली में लगातार ‘बदलेगा हवा, देश का युवा’ के नारे लगाए गए।
टीपी कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनुपम ने कहा कि बेरोजगारी आज जीवन मरण का सवाल बन चुका है। भविष्य को लेकर युवाओं में अनिश्चितता इस कदर है कि हताशा बढ़ती जा रही है। बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की खबरें अब आम बात होती जा रही हैं। इस कारण से युवाओं का सरकार से भरोसा उठता जा रहा है। अब युवाओं को चाहिए भ-रो-सा यानी ‘भारत रोजगार संहिता’। सरकार देश के सभी रिक्तियों को अविलंब भरे और ‘भर्ती आचार संहिता’ लागू कर 9 महीने में नियुक्ति पूरी करे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बोझा ढोने और ठेला चलाने के लिए बिहार के लोगों को हजारों किलोमीटर दूर बम्बई दिल्ली जाना पड़ता है। बंद पड़े चीनी, पेपर और जूट मिलों को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए ताकि दो वक्त की रोटी के लिए बिहार के लोगों को पलायन न करना पड़े।
अररिया
अररिया में काली मंदिर के पास से युवाओं ने बाइक रैली निकालकर पेंशनर समाज भवन तक अनुपम के समर्थन में मार्च किया। रैली में लगातार ‘बदलेगा हवा, देश का युवा’ के नारे लगाए गए।
सभा को संबोधित करते हुए अनुपम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बोझा ढोने और ठेला चलाने के लिए बिहार के लोगों को हजारों किलोमीटर दूर बम्बई दिल्ली जाना पड़ता है। बंद पड़े चीनी, पेपर और जूट मिलों को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए ताकि दो वक्त की रोटी के लिए बिहार के लोगों को पलायन न करना पड़े।
अररिया में एडवोकेट कश्यप कौशल के संयोजन में आयोजित सभा में वक्ताओं ने ‘हल्लाबोल यात्रा’ के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि अनुपम की अगुवाई में चल रहा युवा आंदोलन देश के लिए उम्मीद की किरण है और हर नागरिक को इसमें सहयोग करना चाहिए। वक्ताओं में डॉ ऋषभ राज, अनुराग बसंत, अफ्फान कामिल, प्रो साजिद आलम समेत अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
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