23 सितंबर। अहमदाबाद में मजदूर दमन का ताजा मामला प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य का है, जहाँ दमन के खिलाफ मजदूर संघर्ष की राह पर हैं। हिटाची हाई रेल पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, वोल विलेज, सानंद, अहमदाबाद में मजदूर जैसे ही संगठित हुए और अपना माँग पत्र कंपनी को भेजा, प्रबंधन ने दमन का हथियार चला दिया। एक मजदूर नेता ज्ञानेंद्र शर्मा को 15 सितंबर को फर्जी आरोपों में फंसा कर निलंबित कर दिया, जिसके विरोध में मजदूर 16 सितम्बर को काम बंद कर कम्पनी के भीतर बैठ गए। 17 व 18 सितंबर शनिवार व रविवार अवकाश था।
इस विरोध के बाद प्रबंधन ने यूनियन के सात नेताओं/मजदूरों को बगैर कोई सूचना दिए अवैध रूप से बर्खास्त कर दिया। उनको न तो कोई नोटिस दिया गया, न ही अपना पक्ष रखने का कोई मौका दिया। इसी के साथ 30 ठेका मजदूरों को भी निकाल दिया। इससे आक्रोशित मजदूर 19 सितंबर को कंपनी के भीतर की बैठ गए और काम बंद कर दिया। तब से संघर्ष जारी है, और मजदूर अभी फैक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे हैं।
दरअसल आज हालात यह बने हुए हैं, कि जहाँ भी मजदूर अपने हक-हकूक के लिए संगठित होते हैं, माँग उठाते हैं, यूनियन बनाने का प्रयास करते हैं, वहाँ उन पर दमनात्मक कार्रवाइयाँ शुरू हो जाती हैं, हिटाची में भी यही हो रहा है। लेकिन मजदूरों ने इस बार मन बना लिया है, कि वे समस्त पीड़ित श्रमिकों की कार्यबहाली सहित माँगपत्र पर समझौता चाहते हैं। इसलिए वे अपना हक लेकर ही कार्य पर जाएंगे और अंतिम समय तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
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