2 अक्टूबर 2022, लखनऊ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर नफरत और हिंसा के खिलाफ प्रेम और सौहार्द के लिए लखनऊ में विभिन्न नागरिक संगठनों की ओर से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से गांधी जी की प्रतिमा तक पैदल मार्च किया गया। पैदल मार्च गांधी प्रतिमा पर पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया। सभा में वक्ताओं ने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने सर्वप्रथम महात्मा गांधी को राष्ट्र पिता कह कर सम्बोधित किया था। पदयात्रा में शामिल सोशलिस्ट फाउंडेशन के राष्ट्रीय समन्वयक श्री ओंकार सिंह ने कहा कि आज भारतीय समाज अत्यंत विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है। लोगों के प्रत्येक अधिकार पर संकट मंडरा रहा है। संविधान खतरे में है। नफरत छोड़ो संविधान बचाओ के तहत कल गांधी भवन में विभिन्न जन संगठनों की बैठक हुई जिसमें गांधी जी जयन्ती 2 अक्टूबर से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी तक पूरे देश के सभी जनपदों में इसी तरीके की पदयात्रा नफरत छोड़ो संविधान बचाओ के लिए आयोजित की जा रही है।
फारवर्ड ब्लाक के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री उदयनाथ सिंह ने कहा कि जो शक्तियां नेताजी सुभाषचंद्र बोस और महात्मा गांधी के बीच मनभेद दिखाकर दोनों ही राष्ट्र नायकों को अपमानित करने का प्रयास कर रही हैं यह उनकी चाल हम सफल नहीं होने देंगे।
भारत जागृति अभियान के संयोजक योगेन्द्र नाथ उपाध्याय ने कहा कि सुभाष बाबू का रास्ता गांधीजी का ही रास्ता था। गांधीजी के सम्मान में नेताजी ने आजाद हिन्द फौज में महात्मा गांधी बिग्रेड की स्थापना की थी। देश के विकास के लिए दोनों ही महान नेताओं का अभिमत एक था गांव गरीब किसान का उत्थान ही मकसद था। आज भी उसकी उतनी ही प्रासंगिकता है जितनी तब थी।
गांधीनिष्ठ सूर्यकुमार भी इस पैदल यात्रा में शामिल हुए, गांधी जी की प्रतिमा पर उन्होंने कहा कि बिहार और गुजरात की भांति उत्तर प्रदेश में भी शराबबंदी लागू हो।
आल इंडिया वर्कर्स कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ. पी. सिन्हा ने कहा कि गांधी जी का पक्ष देश के श्रमिकों-किसानों का था और गांधीजी का आग्रह सत्य एवं न्याय के प्रति था। उनका जीवन असत्य एवं अन्याय के खिलाफ एक प्रेरणादायी संघर्ष था।
सिटीजन फार डेमोक्रेसी के प्रदेश संयोजक रामकिशोर ने कहा कि समाज की तोड़क शक्तियां जिस प्रकार से समाज को विभाजित करने में लगी हैं उसी प्रकार से वे हमारे राष्ट्रीय नेताओं को बदनाम करने और उनको लांछित करने के प्रयास में लगी हैं। हम उनके इस प्रयास को सफल नहीं होने देंगे।
पीपुल्स यूनिटी फोरम के संयोजक एडवोकेट वीरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि गांधीजी और नेताजी ने आजीवन देश में साम्प्रदायिक सौहार्द और साझा संस्कृति के लिए काम किया। और इसी की अभिव्यक्ति हमारे संविधान में मिलती है। कार्यक्रम में डा. रमेश दीक्षित, एम के सिंह, शिवाजी राय, बदरीआलम, सिराज बाबा, देशबंधु, आदि लोग शामिल हुए।
– ओंकार सिंह