26 नवंबर। 26 नवंबर का दिन पूरे देश के लिए किसी राष्ट्रीय उत्सव से कम नहीं। इस दिन भारत का संविधान अंगीकार किया गया था। इसी दिन को ध्यान में रखकर आरंभ युवा मंच के द्वारा 21-26 नवंबर तक पूरे कोल्हान क्षेत्र के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में घूम-घूम कर घुमंतू पुस्तकालय, प्रदर्शनी एवं कार्यशाला सत्र किया गया।
21 नवंबर यात्रा का पहला दिन था। सरायकेला खरसावां के प्रखंड गम्हरिया राज्य संपोषित +२ उच्च विद्यालय में पुस्तक प्रदर्शनी रखी गयी। इसमें छात्र-छात्राओं ने अभिरुचि दिखाई। उन्होंने स्टॉल पर लगाई गई पुस्तकों का अध्ययन किया और अपने अनुभव साझा किए। विद्यालय के प्रधानाध्यापक मिठाईलाल यादव, सहायक शिक्षक अनिल कुमार सिंह व अन्य शिक्षकों की मौजूदगी में सुबह दस बजे से यह चलंत पुस्तकालय शुरू हुआ था।
अंत बारहवीं कक्षा में छात्राओं के बीच संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठ से किया गया।
22 नवंबर यात्रा का दूसरा दिन। जमशेदपुर के बाराद्वारी स्थित पीपुल्स एकेडमी +2 विद्यालय परिसर में घूमंतु पुस्तकालय यात्रा पहुंची। यहाँ भी विद्यालय के छात्र छात्राओं में काफी दिलचस्पी दिखी। उन सबने तरह तरह की पुस्तकों का अध्ययन किया और उनकी विषयवस्तु के बारे में संवाद किया। विद्यालय के प्राचार्य चंद्रदीप पांडेय एवं सहायक शिक्षक शिक्षिकाओं के द्वारा पुस्तकालय की विधिवत शुरुआत की गई। संविधान के विषय में जानकारी भी दी गई। कई सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित पोस्टर्स प्रदर्शित किए गए। कलाकार साथी प्रदीप ने अपने हुनर का इस्तेमाल करते हुए पोस्टर पर संविधान से जुड़े नारों को उकेरा।
इसी क्रम में विशेष संवाद सत्र आयोजित कर छात्र-छात्राओं के साथ पुस्तकों में उल्लिखित विषय वस्तुओं पर चर्चा की गई। यहाँ भी संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठ किया गया। इसके बाद यात्रा में शामिल सदस्य अंकुर ने संविधान के मूल्यों की व्याख्या की। प्राचार्य चंद्रदेव पांडेय ने संविधान की चर्चा करते हुए “आरंभ युवा मंच” का इस आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया।
23 नवंबर यात्रा का तीसरा दिन। इस दिन पुस्तकालय घाटशिला कॉलेज, घाटशिला पहुंचा । यहाँ पिछले दो दिनों से चल रही यात्रा को और भी अच्छा रिस्पॉन्स मिला। पहले कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर के चौधरी, राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक प्रो. इंदल पासवान और अन्य शिक्षकों एवं शिक्षणेतर कर्मियों की उपस्थिति में विधिवत पुस्तकालय का शुभारंभ किया गया। लगभग हज़ार से अधिक की संख्या में छात्र छात्राओं ने पुस्तकों का अवलोकन किया और अपना ज्ञानवर्धन किया।
अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य समेत तमाम प्राध्यापकों, कर्मियों तथा छात्र छात्राओं की मौजूदगी में संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठ किया गया। उसके बाद आरंभ युवा मंच की तरफ़ से कॉलेज को संविधान की उद्देशिका (फ्रेम सहित) भेंट की गई।
24 नवंबर यात्रा का चौथा दिन। “घूमंतु पुस्तकालय यात्रा” टेल्को क्षेत्र अन्तर्गत गरुड़बासा स्थित मानव विकास स्कूल पहुँची। यहाँ के ज्यादातर बच्चे गरीब एवं ग्रामीण पृष्ठभूमि के थे। छात्र-छात्राओं न अभिरुचि दिखाते हुए पुस्तकों का आवंटन कराकर क्लास में जाकर पढ़ा और उसके बाद वापस किया। यहाँ भी पहले विद्यालय की प्रिंसिपल समेत तमाम अध्यापकों की उपस्थिति में पुस्तकालय का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस दिन पुस्तकालय यात्रा के दौरान वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी के वरिष्ठ सदस्य मंथन, जगत, झारखंड जनतांत्रिक महासभा के दीपक रंजीत, अजीत तिर्की, कृष्णा लोहार, रंगकर्मी विक्रम झा, निर्मल आदि मौजूद रहे। विद्यालय की प्रिंसिपल ने घूमंतु पुस्तकालय यात्रा से समाज में बहुत ही अच्छा संदेश जा रहा है।
अंत में एक संवाद सत्र चला, जब विद्यालय के बच्चों के साथ पुस्तकों के विषय वस्तु पर चर्चा की गई। विद्यालय परिवार को संविधान की उद्देशिका ( फ्रेम सहित) भेंट की गई। संविधान की उद्देशिका का पाठ कर यात्रा अपने अगले गन्तव्य की तैयारी में लग गयी ।
25 नवंबर यात्रा का पाँचवां दिन था। विभिन्न शिक्षण संस्थानों का सफर तय करते हुए यह यात्रा कोल्हान के पश्चिमी सिंहभूम के टाटा कॉलेज, चाईबासा पहुंची जहां कॉलेज प्रबंधन द्वारा संकल्प पट पर हस्ताक्षर के साथ विधिवत शुभारंभ किया गया। सुबह दस बजे से अपराह्न तीन बजे तक लगे स्टॉल में कालेज के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न पुस्तकों का अवलोकन एवं अध्ययन किया। इस दिन यात्रा के आयोजकों ने पश्चिमी सिंहभूम जिला के मुख्यालय में उपायुक्त को ज़िला समाहरणालय में संविधान की पोस्टर आकार की फ्रेमित उद्देशिका भेंट दी। उपायुक्त अनन्य मित्तल को घुमंतू पुस्तकालय यात्रा के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि इस यात्रा का मूल उद्देश्य नफरत हटाने का प्रयास करना है। उपायुक्त ने यात्रा और यात्रियों की काफी सराहना की और आज के समय में इस यात्रा को उपयोगी बताया।
26 नवंबर, यात्रा का छठा व अंतिम दिन। संविधान दिवस। घुमंतू पुस्तकालय यात्रा के छठे दिन कोल्हान के लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल महाविद्यालय, करनडीह (जमशेदपुर) में पुस्तकों का स्टॉल लगा। सुबह दस बजे से ही कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न पुस्तकों का अवलोकन एवं अध्ययन किया और विषय वस्तु से संबंधित चर्चा में भाग लिया।
इस अवसर पर विशेष रूप से कॉलेज के वर्चुअल रूम में संविधान दिवस विशेष व्याख्यान सत्र चला। मुख्य वक्ता के रूप में जाने माने शिक्षाविद, समाजसेवी और लेखक डॉ. सुखचन्द्र झा ने स्वाधीनता आंदोलन से लेकर देश की आजादी एवं संविधान लागू होने तक के सफर के बारे में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि संविधान देश के नागरिकों के तमाम अधिकारों की रक्षा करता है, अतः इसके मूल्यों की गहरी समझ सभी को होनी चाहिए।
इस मौके पर कॉलेज परिसर में संकल्प पट पर छात्र छात्राओं और प्राध्यापकों ने हस्ताक्षर किए। संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ भी किया गया। कॉलेज को संविधान की उद्देशिका (फ्रेम सहित) भेंट स्वरूप दी गई।
कॉलेज के प्रो. बिनोद कुमार, डॉ. विजय प्रकाश, डॉ. पी के गुप्ता, प्रो. नोद कुमार, प्रो. ऋतू, चंदन जायसवाल, अनिमेष बख्शी, समेत अन्य कर्मी और अनेकानेक छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
वरिष्ठ पत्रकार और वैज्ञानिक चेतना के संयोजक डी.एन.एस. आनंद और वरिष्ठ रंगकर्मी जीतराय हांसदा भी इस दिन जुड़े और इस अभियान से जुड़े सदस्यों का उत्साहवर्धन किया।
इस पूरी यात्रा में विशेष सहयोग देने में डॉ. सुखचंद्र झा एवं अरविंद अंजुम (गांधी शान्ति प्रतिष्ठान), अर्पिता श्रीवास्तव (भारतीय जन नाट्य संघ), दीपक रंजीत (झारखंड जनतांत्रिक महासभा), डॉ. आशुतोष कुमार झा (कलाधारा), मंथन (जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी) और एस.वी. रामन मूर्ति शामिल रहे।
इस पूरी यात्रा को चलाने, सजाने, सँवारने एवं सफल संचालन में मुख्य रूप से विकास कुमार, अंकुर शाश्वत, प्रियांक प्रभात, शशांक शेखर और प्रदीप रजक का उल्लेखनीय तथा बहुमूल्य योगदान रहा।
– अंकुर शाश्वत और विकास कुमार