तमिलनाडु में स्थानीय निकायों के निजीकरण का विरोध

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14 जनवरी। चेन्नई के सफाईकर्मी, पेयजल, वाहन चालक और मच्छर मारने वाली दवा छिड़कने वाले कर्मचारियों ने राज्य भर में विरोध प्रदर्शन करते हुए तमिलनाडु सरकार से स्थानीय निकायों का निजीकरण बंद करने की माँग की है।भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र के नेतृत्व में विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों ने सरकार से माँग की है कि सरकारी आदेश संख्या 152, 115 और 139 जो कि निगम, नगर पालिकाओं और पंचायत से संबंधित हैं, उन्हें रद्द किया जाए। भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र(CITU) ने फिर दोहराया, कि सरकार का यह कर्तव्य है, कि वह सुनिश्चित करे कि स्वच्छता का मतलब निजी लाभ कमाना नहीं है।

प्रदर्शनकारियों ने माँग की, कि जो कामगार सरकार के साथ दस वर्ष से अधिक समय से ठेके पर काम कर रहे हैं, उनको नियमित किया जाए। उन्होंने कहा कि द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम(DMK) ने अपने चुनावी घोषणापत्र में यह वादा किया था। इसके साथ ही उन्होंने 26,000 रुपये मासिक वेतन की माँग की। उन्होंने साप्ताहिक, त्यौहार और मेडिकल अवकाश की माँग भी रखी। जिला ग्रामीण विकास और स्थानीय प्रशासन कर्मचारी संघ ने विभिन्न जिलों में प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन चेन्नई, डिंडीगुल, थेनी, तिरुनेलवेली, तिरुप्पर और अन्य शहरों में किए गए। प्रर्शनकारियों ने सफाई करनेवालों के लिए रेनकोट और सुरक्षा उपकरणों की भी माँग की है।

(‘न्यूज क्लिक’ से साभार)

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