मप्र के मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री का घेराव करने जा रहे किसान कार्यकर्ता गिरफ्तार, फिर रिहा

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16 फरवरी. सुअर पालकों को मृत सुअरों का मुआवजा दिलाए जाने के साथ-साथ पशु चिकित्सा विभाग के प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में बसोर समाज के आंदोलनकारी कलेक्ट्रेट रीवा के समक्ष 133 दिनों से महापड़ाव आंदोलन पर हैं. मोर्चा के संयोजक शिव सिंह ने बताया कि अपने आप को गरीबों का मसीहा कहने वाले सीएम शिवराज सिंह के रीवा आगमन दौरान पीड़ित आंदोलनकारी अपनी समस्या बताना चाहते थे, एक दिन पूर्व आंदोलनकारियों ने मिलने का समय भी मांगा था. लेकिन तानाशाह हुकूमत के लोगों ने अनुमति नहीं दी, जिससे गुस्साए आंदोलनकारी ने एसकेएम के नेताओं की अगुवाई में सीएम शिवराज एवं केंद्रीय मंत्री सिंधिया के खिलाफ वापस जाओ की नारे लगाते हुए कलेक्ट्रेट से सैकड़ों की संख्या में हवाई पट्टी के लिए रवाना हुए. जय स्तंभ चौराहे पर भारी पुलिस बल ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया. गुस्साए आंदोलनकारी सड़क पर ही बैठ गए जहां पुलिस ने आंदोलनकारियों को सामूहिक रूप से गिरफ्तार कर रिहा कर दिया. इस दौरान गिरफ्तारी मोर्चे के नेता आंदोलनकारी रामजीत सिंह, कुंवर सिंह, विश्वनाथ चोटीवाला, लालमणि त्रिपाठी, इंद्रजीत सिंह, शंखू, अजय पाण्डेय, रामनरेश सिंह, संतकुमार पटेल, शेषमणि पटेल, डॉ प्रतिभा सिंह, दिनेश सिंह, ओबीसी दिनेश डायमंड, प्रदीप बंसल, सुशीला बंसल, राधा बंसल, राजाराम बंसल, राज पटेल लक्ष्मी बंसल, गीता बंसल, विकास पटेल, बब्लू बसोर, ललिता बंसल, रेखा बंसल, रूबी बंसल, मिठाई बंसल, नीलू बंसल, सहित सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी मौजूद रहे. महापड़ाव आंदोलन स्थल पर लगातार लंगर जारी है

– शिव सिंह
संयोजक, संयुक्त किसान मोर्चा रीवा संभाग मप्र


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