15 मार्च। कई नागरिक समूहों और श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है, कि वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) को धीरे-धीरे खत्म करने की राह पर है। उन्होंने विपक्षी दलों से इस योजना के लिए बजटीय आवंटन में वृद्धि की उनकी माँगों का समर्थन करने की अपील की है। राजधानी स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर्स हॉल में संसद सदस्यों के लिए आयोजित एक ब्रीफिंग में नागरिक समाज के सदस्यों ने उनसे करोड़ों मजदूरों और श्रमिकों के मुद्दों को उठाने का आग्रह किया, जिन्हें दिसंबर 2021 से भुगतान नहीं किया गया है।
इस कार्यक्रम के आयोजन का व्यापक उद्देश्य सांसदों को मनरेगा के तहत काम करने के लोगों के अधिकार की रक्षा करने में मदद करना था। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले विपक्षी दलों के सांसदों में संजय सिंह(आम आदमी पार्टी), दिग्विजय सिंह, उत्तम कुमार रेड्डी और कुमार केतकर(कांग्रेस), एस. सेंथिलकुमार(द्रविड़ मुनेत्र कषगम), जवाहर सरकार(तृणमूल कांग्रेस) शामिल थे। इस कार्यक्रम में विभिन्न संगठन जैसे मजदूर किसान शक्ति संगठन राजस्थान, नरेगा वॉच झारखंड, जन जागरण शक्ति संगठन बिहार, संगतिन किसान मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल खेत मजदूर समिति पश्चिम बंगाल आदि और उच्चतम न्यायालय के वकील प्रशांत भूषण ने भाग लिया।