18 मार्च। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे आजमगढ़ सुल्तानपुर बॉर्डर के पास बसे गांवों की जमीनों का प्रशासनिक अधिकारियों और राजस्वकर्मियों द्वारा सर्वे और सोशल मीडिया में वायरल नक्शे की वजह से क्षेत्र के किसान मजदूर परेशान हैं। किसानों की जमीनें छीनने की साजिश हो रही है। किसानों ने मीडिया के हवाले से बताया, कि चर्चा है कि हजारों एकड़ उनकी जमीनों का सर्वे कर लिया गया है। इससे क्षुब्ध होकर खंडौरा, छजोपट्टी, भेलारा, बरामदपुर, कलवारी बाँध आदि गाँवों के सैकड़ों किसानों ने बिंदेश्वरी इंटर कॉलेज खंडौरा स्थित बाग में एक बैठक की।
बैठक को संबोधित करते हुए पूर्वांचल किसान यूनियन के नेता वीरेंद्र यादव ‘जन ज्वार न्यूज’ के हवाले से बताया कि किसानों की मर्जी के बगैर उनकी जमीनें नहीं ली जा सकतीं। पूर्वांचल एक्स्प्रेस-वे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार की बात करने वाली सरकार बताए कि क्या खेती किसानी के बगैर किसी मुल्क का भला हो सकता है? उन्होंने आगे बताया कि खिरिया बाग आंदोलन ने तय किया है कि किसान धरती माता का सौदा नहीं होने देंगे।
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