31 मार्च। नब्बे से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने कानून मंत्री किरण रिजिजू को एक खुला खत लिखकर जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया, न्यायिक स्वतंत्रता और पूर्व जजों को लेकर दिए उनके बयानों पर सख्त एतराज जताया है। खत में कहा गया है कि कानूनमंत्री के बयान उनके पद को शोभा नहीं देते, ये बयान कानून मंत्री की मर्यादा के विरुद्ध हैं।
पत्र में पूर्व जजों के खिलाफ कानून मंत्री की टिप्पणी की भी याद दिलाई गयी और उस टिप्पणी को घोर आपत्तिजनक करार दिया गया है। गौरतलब है कि कानून मंत्री किरण रिजीजू ने बीते 18 मार्च को इंडिया टुडे कानक्लेव में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ पूर्व जज भारत विरोधी गैंग का हिस्सा बन गये हैं। ये लोग चाहते हैं कि न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए। ये लोग यह शोर मचाते रहते हैं कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है, भारत में मानवाधिकारों का कोई वजूद नहीं है। राहुल गांधी भी यही भाषा बोलते हैं। देश के बाहर और देश के भीतर भारत विरोधी एक ही भाषा बोलते हैं। यह कहने के बाद किरण रिजिजू ने धमकी भरे अंदाज में चेताया था कि एंटी इंडिया गैंग को इस सब की कीमत चुकानी पड़ेगी।
पूर्व नौकरशाहों ने कानून मंत्री की उपरोक्त धमकी का कड़ा प्रतिवाद किया है और कहा है कि सरकार देश नहीं है, सरकार की आलोचना करना देश की आलोचना करना नहीं है। इससे पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के लगभग साढ़े तीन सौ वकीलों ने भी कानून मंत्री के उपर्युक्त बयानों की कड़ी आलोचना की थी।
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