उत्तराखंड में रेलवे द्वारा घरों को खाली कराने के विरोध में उठी आवाज

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8 मई। रेलवे प्रशासन द्वारा उत्तराखंड के लालकुआं के नगीना कॉलोनी क्षेत्र के करीब 200 घरों की भूमि को अपना बताते हुए 10 दिनों के भीतर खाली करने का नोटिस चस्पा किया गया है। नोटिस चस्पा होने के बाद लोगों की नींद उड़ गई है। जिसके बाद ‘नगीना कॉलोनी बचाओ संघर्ष समिति’ के बैनर तले सामाजिक संगठनों के सहयोग से रेलवे प्रशासन का विरोध करना शुरू कर दिया है। इस विरोध के दौरान एक आपातकालीन आम सभा का भी आयोजन किया गया। बैठक में बनभूलपुरा, हल्द्वानी सहित देश में अवैध बस्तियों के नाम पर उजाड़े जा रहे लोगों के समर्थन में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।

इस दौरान सभा में वक्ताओं ने कहा कि नगीना कॉलोनी के निवासी पिछले 40-50 वर्षों से अधिक समय से कॉलोनी में निवास कर रहे हैं। यह गरीब, मेहनतकश लोगों के साथ अन्याय है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले भी रेलवे ने नोटिस जारी किए थे, लेकिन रेलवे ने अतिक्रमण को नहीं हटाया। अब फिर से रेलवे प्रशासन भूमि को खाली करने को कह रहा है। इसी तरह देश के अलग-अलग शहरों में जहाँ भी गरीब लोग रहते हैं, उनके साथ में सरकारें इसी तरीके का अन्याय कर रही है। आज सरकारें अडानी-अंबानी के लिए काम कर रही हैं। गरीबों के घरों को उजाड़ कर उनकी जगह इस तरीके के देशी-विदेशी कारपोरेट, एकाधिकारी पूंजीपतियों को दी जा रही है। ताकि वह इन तमाम इलाकों में अपने होटल, रिजॉर्ट, मॉल आदि बनाकर मुनाफा कमाने के केंद्र खोल सकें।

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