आचार्य विनोबा भावे और डॉ राजेंद्र प्रसाद पर फर्जीवाड़ा का आरोप?

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26 मई। आज से 63 साल पहले आचार्य विनोबा भावे की पहल पर सर्व सेवा संघ ने राजघाट, वाराणसी में रेलवे से जमीन खरीदी थी। राजघाट परिसर में कई प्रकार की गतिविधियां चलती रही है। यहां गांधी, विनोबा,जयप्रकाश नारायण, जे सी कुमारप्पा, दादा धर्माधिकारी जैसे मनीषियों की पुस्तकों का प्रकाशन होता है। इसी परिसर में जयप्रकाश नारायण के प्रयास से गांधी विद्या संस्थान की स्थापना हुई। इस संस्थान के भवन पर 15 मई 2023 को आयुक्त, वाराणसी ने कब्जा कर इसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को सौंप दिया। राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष फिलहाल रामबहादुर राय हैं जो आरएसएस से जुड़े हैं। आयुक्त के इस कदम का प्रतिवाद किया जा रहा है। लेकिन इसी बीच मामले को उलझाने के लिए उत्तर रेलवे के सहायक मंडल अभियंता के द्वारा इस खरीद को कूटरचित अर्थात फर्जीवाड़ा कर हड़पने का आरोप लगाया गया है और एक शिकायत एसडीएम सदर, वाराणसी के यहां दर्ज कराई गयी है।

अर्थात इस खरीद के ‘फर्जीवाड़े’ में आचार्य विनोबा भावे, तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, रेलमंत्री जगजीवन राम, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री लालबहादुर शास्त्री, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष राधाकृष्ण बजाज आदि शामिल रहे हैं।

प्रशासन का यह रवैया शर्मनाक और निंदनीय है।

– रामशरण


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