समाजवादी देश विएतनाम ने कोविड की दूसरी लहर का मुकाबला कैसे किया

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— सविता गणेश —

से समय जब भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर से निपटने में पूरी तरह बदइंतजामी का शिकार दिख रहा है, यह देखना उपयोगी होगा कि कुछ अन्य देशों ने वायरस की शुरुआती और फिर बाद की लहर का मुकाबला कैसे किया। जिन देशों ने सफलतापूर्वक यह मुकाबला किया उनमें विएतनाम भी है।

समाजवादी देश विएतनाम ने व्यापार और मुनाफा देनेवाले उद्योगों को खोलने को प्राथमिकता देने के बजाय देश की वास्तविक स्थितियों का जायजा लिया।

विएतनाम में कोविड-19 का पहला मामला 23 जनवरी, 2020 को पकड़ में आया था। तभी से विएतनाम की सरकार द्वारा रोकथाम के एक के बाद एक बहुत सारे कदम उठाये जाने की शुरुआत हुई। जैसे कि सीमाएं बंद कर दी गईं, भीड़ इकट्ठा होने और सभा-समारोहों पर रोक लगा दी गई। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों तरह की उड़ानों पर बंदिशें लगाई गईं। क्वारंटीन और सोशल डिस्टेन्सिंग के नियम लागू किए गए।

यही उन सब देशों में किया गया, जहां-जहां कोविड-19 का प्रकोप फूटा था। हालांकि वायरस का फैलाव रोकने और रोकथाम करने में विएतनाम अन्य देशों की अपेक्षा कहीं अधिक सफल दिखता है।

वक्त नहीं गंवाया

विएतनाम की सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर फौरन कार्रवाई की। वायरस की पहल लहर में, जब देश में सिर्फ छह मामले पकड़ में आए थे, विएतनाम में लाकडाउन लगा दिया गया। लेकिन सिर्फ लाकडाउन लगाकर छोड़ नहीं दिया गया। लाकडाउन की अवधि का इस्तेमाल रोकथाम के उपाय करने और आगे की तैयारियों के लिए किया गया। संक्रमण के संभावित मामलों की पहचान और टेस्टिंग का सघन अभियान चलाया गया। इस सारे अभियान में वायरस का फैलाव रोकने के लिए टेस्टिंग पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया। इस अभियान में न केवल संक्रमित व्यक्ति के पहले और दूसरे स्तर के संपर्क को बल्कि तीसरे और चौथे स्तर के संपर्क को भी जांच के दायरे में लाया गया।

फरवरी में, लाकडाउन लगाए जाने से पहले, देश में दाखिल होनेवाले किसी भी मुसाफिर को अनिवार्य रूप से चौदह दिनों के क्वारंटीन और वायरस की टेस्टिंग से गुजरना पड़ता था। अगर संक्रमण का सिर्फ एक मामला सामने आया हो, तब भी पूरे गांव को परिरोधन के सारे नियम पालन करने होते थे। अगर पड़ोस के किसी इलाके में पॉजिटिव केस पाए गए हों, तो सड़कों की भी जांच की जाती थी। विएतनाम ने बहुत ही कम कीमत वाले टेस्टिंग किट विकसित करने और बनाने के साथ ही जगह-जगह टेस्टिंग बूथ स्थापित किए। रोकथाम के ये उपाय विएतनाम में वायरस से लड़ने में मिली कामयाबी में निर्णायक साबित हुए। कोविड की दूसरी लहर में वहां की सरकार ने रोकथाम और परिरोधन के फिर ऐसे ही कदम उठाए।

कोविड की पहली लहर के धीमा पड़ने पर संक्रमण के मामले काफी कम रह गए थे और लगभग 270 की संख्या के साथ वे स्थिर थे। यहां तक कि देश में 99 दिनों तक समूह के स्तर पर संक्रमण की कोई शिकायत सामने नहीं आई। इस अवधि में तमाम गतिविधियां फिर से शुरू की जाने लगी थीं। स्कूलों और विश्वविद्यालयों ने विद्यार्थियों को फिर से बुलाना शुरू कर दिया था। रेस्तरांओं, दुकानों और पर्यटन स्थलों को फिर से अपना कारोबार करने की इजाजत दे दी गई थी। खासकर तटीय क्षेत्रों में पर्यटन स्थल घरेलू मुसाफिरों की चहल-पहल से फिर से गुलजार हो गए थे। कोविड के लगभग सभी पाजिटिव मामले जो 99 दिनों की अवधि में पहचाने गए थे उन विएतनामी नागरिकों के थे जो बाहर से स्वदेश लौटे थे। वे जैसे ही स्वदेश पहुंचे, उन्हें फौरन क्वारंटीन किया गया। और इस तरह सामूहिक संक्रमण के खतरे को टाला जा सका।

कोविड की पहली लहर समाप्त होने के कोई तीन माह बाद विएतनाम ने वायरस की दूसरी लहर में प्रवेश किया। जुलाई में, तटीय शहर डा नांग के  नांग सी हास्पिटल में 57 साल के एक मरीज में कोविड के एक प्रकार की पहचान की गई। इसके सिर्फ एक दिन बाद नांग सी हास्पिटल और एक मेडिकल परिसर में स्थित तीन अन्य अस्पतालों में लाकडाउन लगा दिया गया, जहां उस तरह के मामले पाए जाने की आशंका थी। लगभग छह सौ लोगों के पाजिटिव होने का अंदेशा था (जिनमें परिवार के लोग, तीमारदारी में लगे लोग, चिकित्साकर्मी और गैर-चिकित्सीय कर्मी थे) और इन सभी को क्वारंटीन में रखा गया। इनके अलावा 6665 लोगों का पता लगाया गया जो उपर्युक्त लोगों के संपर्क में आए थे और इन सब को भी क्वारंटीन किया गया।

विएतनाम का तटीय शहर डा नांग एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है और यह विदेशी कर्मियों के लिए पार-गमन शहर भी है। संक्रमण के पहले मामले के स्रोत का पता नहीं लग सका था, और इस तरह 99 दिनों की जो अवधि बिना सामूहिक संक्रमण के रही थी वह समाप्त हो गई। वैज्ञानिकों ने बताया है कि वायरस की वही किस्म बांग्लादेश, ब्रिटेन और आयरलैंड में पाई गई है। यह अनुमान लगाया गया है कि अवैध पर्यटन देश में कोविड की दूसरी लहर का मुख्य कारण हो सकता है। इसके बाद के महीने में संक्रमण के मामले बढ़कर 962 पर पहुंच गए, जबकि अन्य पंद्रह जिलों और शहरों में सामूहिक संक्रमण के लक्षण प्रकट हुए। मृत्यु का आंकड़ा शून्य से पैंतीस पर पहुंच गया। डा नांग में कड़ाई से लाकडाउन लगा दिया गया, जो कि अब तक का सबस सख्त लाकडाउन था। शहर की ओर जानेवाले और शहर से बाहर जानेवाले परिवहन को बंद कर दिया गया और अधिकतर कारोबार बंद कर दिए गए। अन्य प्रभावित क्षेत्र, रेस्तरां, नाइट क्लब और दूसरे मनोरंजन स्थल भी बंद कर दिए गए। तीस से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई और मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया। जैसा कि पहली लहर के दौरान किया गया था, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और टेस्टिंग का काम तेज कर दिया गया। पाजिटिव पाए गए मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों को फौरन क्वारंटीन में रखा गया।

जन जागरण के कदम

विएतनाम के सरकार-नियंत्रित मीडिया ने वायरस से संबंधित जानकारी देने और एहतियाती उपायों के बारे में जमकर जन-जागरण अभियान चलाया। यह सोशल डिस्टेन्सिंग जैसे नियमों को तेजी से जनव्यापी बनाने में काफी उपयोगी साबित हुआ। वायरस के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के लिखित संदेश, जिनमें सावधानी तथा सुरक्षा के उपाय भी बताए गए होते थे, उपर्युक्त सूचना प्रसार अभियान का अहम हिस्सा थे।

कोविड का प्रकोप फूटने के समय से ही सरकार ने गलत और भ्रामक जानकारियों के प्रसार पर रोक लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि इस तरह की समस्या से किसी हद तक निपटने के लिए देश में 2018 से ही साइबर सुरक्षा कानून मौजूद था, सरकार ने वायरस से संबंधित गलत या भ्रामक जानकारी से निपटने के लिए 14 अप्रैल को एक आदेश पारित किया। इस आदेश के तहत, ऐसे हर व्यक्ति पर गंभीर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है जो सोशल मीडिया पर झूठी, असत्य, तोड़ी-मरोड़ी गई, या निंदापूर्ण सूचना के प्रसार या साझा करने का दोषी पाया जाएगा। वायरस और सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में नवीनतम जानकारी देने और लोगों को शिक्षित करने के लिए सूचनाकर्मी तथा सांस्कृतिक कर्मी तैनात किए गए।

रोकथाम का मॉडल

विएतनाम में सार्वजनिक स्वास्थ्य-व्यवस्था रोकथाम के उपायों में और आपातकालीन सेवाओं में बहुत मजबूत है। इसकी प्राथमिकता वायरस को फैलने से पहले ही रोकने की है। यह रुख उन कार्रवाईयों में देखा जा सकता है जब बहुत सारे लोगों को, संक्रमण के लक्षण दिखने का इंतजार किए बगैर, सिर्फ संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की बिना पर क्वारंटीन में रखा गया। सिर्फ संक्रमण का नहीं, संक्रमण के हर संभावित स्तर का पता लगाना इस रुख की सबसे बड़ी खासियत रही है। रोकथाम के इस तरीके को सामुदायिक मॉडल का रूप दिया गया, जिसमें शहरी क्षेत्रों में मुहल्लों को और ग्रामीण क्षेत्रों में गांवों को संभावित मामलों का पता लगाने का जिम्मा दिया गया। सरकार ने भी पीपीई, मेडिकल सुविधाओं और मास्क वगैरह के तेजी से उत्पादन के लिए फैक्टरियों को लगाने में तत्परता दिखाई। मुफ्त मास्क बूथ भी बहुत सारी जगहों पर लगाए गए। अभी विएतनाम में संक्रमण के कुल मामले करीब 2800 हैं और मृत्यु का आंकड़ा सिर्फ पैंतीस है।

भारत की भयावह परिस्थितियों के बरक्स- जहां वैक्सीन, हास्पिटल बेड, आक्सीजन सिलेंडर, यहां तक कि टेस्टिंग सुविधा का भी घोर अभाव है- हमें विएतनाम और क्यूबा जैसे समाजवादी देशों की तरफ देखना चाहिए। वे यह दर्शाते हैं कि किस तरह सरकार की तत्परता और कारगर सरकारी तंत्र मिलकर महामारी के परिरोधन और रोकथाम में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।

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