उत्तराखंड में भोजन माताओं ने जुलूस निकाला, सभा की और मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन

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28 जून। अपनी विभिन्न माँगों को लेकर सैकड़ों की संख्या में देहरादून पहुँचीं भोजन माताओं ने सचिवालय कूच किया। ‘प्रगतिशील भोजन माता संगठन’ के बैनर तले भोजन माताएं परेड ग्राउंड में एकत्रित हुईं। सभा के बाद उन्होंने सुबह 10 बजे सचिवालय की ओर कूच किया, जहाँ मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया। ‘प्रगतिशील भोजन माता संगठन’ की केंद्रीय महामंत्री रजनी ने मीडिया के हवाले से बताया कि सरकार एक ओर महिला सशक्तीकरण की बात करती है, वहीं दूसरी ओर 19-20 सालों से सरकारी स्कूलों में काम कर रही भोजन माताओं को कभी बच्चे कम होने के नाम पर तो कभी स्कूलों के निजीकरण के नाम पर स्कूलों से निकाला जा रहा है। सरकार अब सरकारी विद्यालयों की उपेक्षा कर निजी स्कूलों को प्रोत्साहन दे रही है।

प्रमुख माँगें :

1) सभी भोजन माताओं को स्थायी किया जाए।
2) भोजन माताओं को स्कूल से निकालना बंद किया जाए।
3) न्यूनतम वेतन लागू किया जाए।
4) शासन द्वारा प्रस्तावित ₹5000 प्रतिमाह मानदेय तत्काल लागू किया जाए।
5) भोजन माताओं को प्रसूति अवकाश व अन्य सुविधाएं दी जाएं व 12 माह का वेतन दिया जाए।
6) अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा बनाए जाने वाले खाने पर रोक लगाई जाए।
7) भोजन माताओं का स्कूलों में होने वाला उत्पीड़न बंद किया जाए।
8) काम के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं के लिए इलाज व मुआवजे की व्यवस्था की जाए।

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