30 जून। राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप(आरआरएजी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में पूरे भारत में 7 महिला पत्रकारों सहित कुल 194 पत्रकारों को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, इन पत्रकारों को राज्य एजेंसियों, गैर-सरकारी राजनीतिक तत्वों, अपराधियों और सशस्त्र विरोधी समूहों द्वारा निशाना बनाया गया। निशाना बनाए गए पत्रकारों की सबसे अधिक संख्या जम्मू और कश्मीर (48) से है, उसके बाद तेलंगाना (40) का स्थान है। प्रभावित अन्य क्षेत्रों में ओड़िशा (14), उत्तर प्रदेश (13), दिल्ली (12), पश्चिम बंगाल (11), मध्य प्रदेश और मणिपुर (प्रत्येक में छह), असम और महाराष्ट्र (प्रत्येक में पाँच), बिहार, कर्नाटक और पंजाब (चार-चार), छत्तीसगढ़, झारखंड और मेघालय (तीन-तीन), अरुणाचल प्रदेश और तमिलनाडु (दो-दो), आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पुडुचेरी, राजस्थान, त्रिपुरा और उत्तराखंड (प्रत्येक में एक) शामिल हैं।
आरआरएजी ने कहा कि कम से कम 103 पत्रकारों को सरकारी तत्वों द्वारा निशाना बनाया गया, जबकि 91 पत्रकारों को राजनीतिक कार्यकर्ताओं सहित गैर-सरकारी राजनीतिक तत्वों द्वारा निशाना बनाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक 103 पत्रकारों में से 70 गिरफ्तार किए गए या उन्हें हिरासत में लिया गया, 14 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और चार को पुलिस और ईडी द्वारा तलब किया गया। पंद्रह पत्रकारों को सार्वजनिक अधिकारियों और पुलिस से शारीरिक हमलों, धमकियों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा और उन्हें इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा विदेश जाने से भी रोक दिया गया। देश भर में गैर-सरकारी राजनीतिक तत्वों और अपराधियों द्वारा जिन 91 पत्रकारों पर हमला किया गया, उनमें से पत्रकारों पर सबसे अधिक हमले ओड़िशा और उत्तर प्रदेश (पाँच-पाँच) में दर्ज किए गए।
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