फसल बीमा योजना के स्कैल ऑफ फाइनेंस की दरें घटाएं जाने से किसानों में आक्रोश

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27 जुलाई। फसल बीमा योजना के नाम पर मध्यप्रदेश सरकार ने एक बार फिर किसानों को ठगने का काम किया है। फसल बीमा योजना में मुआवजे की राशि तय करने के लिए स्केल आफ फाइनेंस का निर्धारण किया जाता है। इस बार सरकार ने सोयाबीन की फसल के लिए स्केल आफ फाइनेंस की राशि से करीब 9000 रुपये प्रति हेक्टेयर की कमी करते हुए 35,600 रुपए कर दी है जो सरासर किसानों के साथ की ठगी है। सरकार की इस हरकत से किसानों में रोष है।

गौरतलब है कि प्राकृतिक आपदा से फसल को हुए नुकसान का मुआवजा तय करने के लिए इसी स्केल आफ फाइनेंस से मुआवजा तय होता है। स्कैल ऑफ फाइनेंस की दर तय करने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में, कृषि महकमे के सहकारिता विभाग के अधिकारी, मंडी समिति तथा किसानों के प्रतिनिधियों की कमेटी निर्णय करती है लेकिन इस बार प्रदेश में अधिकारियों ने मनमानी करते हुए बगैर किसी मीटिंग के दर का निर्धारण कर दिया।

संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री एवं बबलू जाधव ने बताया कि इंदौर जिले में पहले ही 130 से ज्यादा पंचायतों के किसानों को फसल बीमा योजना से वंचित कर दिया गया था और अब सोयाबीन के लिए स्केल आफ फाइनेंस को कम कर दिया गया है जोकि किसानों के साथ अन्याय है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि किसानों के साथ इस ठगी के लिए जो भी व्यक्ति जिम्मेदार है उसे दंडित किया जाए और सोयाबीन के स्कैल आफ फाइनेंस की दर पचपन हजार रु प्रति हेक्टेयर की जाए।


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