1 अगस्त। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा, कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना सूची से 5.18 करोड़ श्रमिकों के नाम हटा दिए गए, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में 2021-22 में 1.49 करोड़ श्रमिकों के नाम हटाए गए थे। पश्चिम बंगाल ने वित्तवर्ष 2022-23 में सबसे अधिक 83.36 लाख श्रमिकों के नाम योजना से हटा दिए हैं। दिसंबर 2021 से इस राज्य को इस योजना के लिए केंद्र सरकार से धन नहीं मिला है। वहीं आंध्र प्रदेश (78.05 लाख), ओड़िशा (77.78 लाख), बिहार (76.68 लाख) और उत्तर प्रदेश (62.98 लाख) हैं।
गिरिराज सिंह ने प्रश्न के जवाब में आगे कहा, कि श्रमिकों को हटाए जाने के कई कारणों में फर्जी जॉब कार्ड, डुप्लीकेट जॉब कार्ड, अब काम करने को तैयार नहीं, परिवार ग्राम पंचायत से स्थायी रूप से स्थानांतरित हो जाना तथा जॉब कार्ड में एकल व्यक्ति और उसकी मृत्यु हो जाना प्रमुख हैं। पश्चिम बंगाल में जहाँ योजना के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन पर दिसंबर 2021 में एमजीएनआरईजीएस के लिए धन रोकने के फैसले के बाद राज्य सरकार और केंद्र आमने-सामने हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में पंजीकृत एमजीएनआरईजीएस श्रमिकों की सूची से 1.57 लाख नाम हटा दिए गए थे।
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