पेंशनभोगी कोयलाकर्मियों और उनके आश्रितों के लिए कोल इंप्लाइज फोरम ने शुरू किया आंदोलन

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14 अगस्त। देश के करीब छह लाख पेंशनभोगी कोयलाकर्मियों और उनके आश्रितों के लिए एफसीआईआरईए से जुड़े कोल इंप्लाइज फोरम ने आंदोलन तेज कर दिया है। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को झारखंड की राजधानी रांची समेत देश के अलग-अलग शहरों में स्थित सीएमपीएफ कार्यालयों के सामने प्रदर्शन किया और अपनी माँगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा। एफसीआईआरईए नागपुर के रीजनल वाइस प्रेसिडेंट और कोल इंप्लाइज फोरम के अध्यक्ष बिमान मित्रा ने यह जानकारी दी।

बिमान मित्रा ने मीडिया के हवाले से बताया कि कोल इम्प्लाइज फोरम के बैनर तले बड़ी संख्या में लोगों ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता और आसनसोल, झारखंड के धनबाद और रांची, ओड़िशा के संबलपुर, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और सिंगरौली, महाराष्ट्र के नागपुर, तेलंगाना के गोदावरीखानी और दिल्ली में प्रदर्शन किया। हर जगह सीएमपीएफओ के जिम्मेदार पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।

उन्होंने बताया, कि कोयला क्षेत्र में काम करने वाले 5.8 लाख पेंशनभोगी हैं, जो झारखंड, पश्चिम बंगाल समेत देश के अलग-अलग हिस्से में रहते हैं। कोल माइंस पेंशन स्कीम 1998 के तहत उन्हें जो पेंशन मिलती है, उसमें लंबे अरसे से वृद्धि नहीं की गयी है। इसकी वजह से आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनको सिर्फ 49 रुपए पेंशन मिलती है। देशभर में एक लाख 26 हजार ऐसे रिटायर्ड कोयलाकर्मी हैं, जिनको 1000 रुपए से भी कम पेंशन मिलती है।

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