भारतीय किसानों को झटका : भारत ने अमरीकी कृषि व पोल्ट्री उत्पादों के लिए खोले दरवाजे, डब्ल्यूटीओ विवाद सुलझाने पर सहमति 

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— हरवीर सिंह —

पूरा देश और दुनिया जब जी-20 सम्मेलन की उपलब्धियों और सफलता पर अपनी निगाह टिकाये थी, उसी समय भारत ने अमरीकी कृषि और पोल्ट्री उत्पादों के लिए अपना बाजार खोलने के लिए फैसला ले लिया। इस फैसले के चलते अमरीकी किसान रियायती आयात शुल्क के तहत अपने कृषि और पोल्ट्री उत्पाद भारत के बाजार में निर्यात कर सकेंगे। अमरीकी ट्रेड रिप्रेजेंटिटव (यूएसटीआर) कैथरीन ताइ के पिछले दिनों अमरीका में जारी वक्तव्य के जरिए यह बात सामने आयी है। हालांकि अभी भारत ने इस बारे में कोई सूचना जारी नहीं की है।

यूएसटीआर ने कहा है कि भारत और अमरीका विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में कई साल से जारी अपने विवाद सुलझाने में कामयाब हो गये हैं। इस समझौते के तहत भारत अमरीकी उत्पादों फ्रोजन टर्की, फ्रोजन डक, फ्रैश ब्लूबैरी और क्रैनबैरी, फ्रोजन ब्लूबैरी और क्रैनबैरी, ड्राई ब्लूबैरी और क्रैनबैरी तथा प्रसंस्कृत ब्लूबैरी और क्रैनबैरी के आयात पर शुल्क कम करने के लिए सहमत हो गया है। भारत द्वारा इन उत्पादों पर आयात शुल्क दरों को कम करने से अमरीकी उत्पादों के लिए भारत के महत्त्वपूर्ण बाजार में मौकों में बढ़ोतरी होगी।

भारत द्वारा अमरीकी कृषि उत्पादों के आयात के लिए राह आसान करने वाले इस समझौते पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (आईआईएफटी) के डब्ल्यूटीओ सेंटर के पूर्व प्रमुख व इंटरनेशनल ट्रेड मामलों के प्रतिष्ठित एक्सपर्ट प्रोफेसर बिस्वजीत धर ने रूरल वायस के साथ एक बातचीत में कहा कि यह समझौता घरेलू पोल्ट्री किसानों और दूसरे किसानों के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूटीओ में जारी विवाद में भारत के जीतने की संभावना बहुत कम थी, लेकिन हमें कुछ रास्ता निकालने की जरूरत थी। यह समझौता अमरीकी किसानों और अमरीकी कंपनियों के लिए फायदेमंद रहेगा।

यूएसटीआर के वक्तव्य में कहा गया है कि दिल्ली में जी-20 बैठक के मौके पर अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बैठक के अवसर पर यह घोषणा की जा रही है। इसके पहले भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएसटीआई ताई के बीच जी-20 ट्रेड एवं इनवेस्टमेंट मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत और अमरीका के बीच डब्ल्यूटीओ में जारी विवाद को जल्दी हल करने पर सहमति जताई गयी थी।

यूएसटीआर ने कहा है कि डब्ल्यूटीओ विवाद का हल होना भारत और अमरीका के बीच व्यापार संबंधों में एक मील के पत्थर की तरह है। भारत द्वारा अमरीकी उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने से अमरीकी कृषि उत्पादों के लिए भारत के महत्त्वपूर्ण बाजार में पहुँच आसान हो जाएगी। यह घोषणा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जून में हुई अमरीका यात्रा और अमरीकी राष्ट्रपति की पिछले सप्ताह की भारत यात्रा के साथ जुड़ी हुई है और दोनों देशों के बीच परस्पर व्यापार भागीदारी को मजबूत करती है। मैं भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ मिलकर दोनों देशों के बीच आर्थिक संभावनाओं के बेहतर परिणामों पर काम करती रहूँगी।

यूएसटीआर ने कहा कि जून में भारत और अमरीका डब्ल्यूटीओ में जारी छह विवादों को समाप्त करने पर सहमत हो गये थे। इस समझौते के तहत भारत, अमरीकी उत्पादों चना, मसूर दाल, बादाम, अखरोट, सेब, बोरिक एसिड और डायगमोस्टिक रीजेंट्स पर सीमा शुल्क घटाने पर सहमत हो गया था। ताजा समझौते के साथ भारत बकाया विवादों को सुलझाने पर सहमत हो गया है जो भारत और अमरीकी के बीच द्विपक्षीय सहयोग का एक नया अध्याय है और यह दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा।

(ruralvoice.in से साभार)

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