— शशि शेखर सिंह —
1942 की अगस्त क्रान्ति के नायक तथा स्वतंत्र भारत में इंदिरा गांधी की तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की रक्षा करने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है और आज ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र में जाकर जयप्रकाश नारायण की मूर्ति पर माल्यार्पण करने से जिसप्रकार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा उनके सैकड़ों समर्थकों को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने रोका वह घोर निंदनीय है और लोकनायक जयप्रकाश नारायण ही नही, देश की आजादी के सभी नायकों का अपमान है। लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान योगी सरकार के इस अलोकतांत्रिक कदम की भर्त्सना करता है।
लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान मानता है कि सुरक्षा कारणों के नाम पर लोगों को अपने महानायकों के प्रति सम्मान प्रगट करने से रोकना किसी निर्वाचित सरकार का निंदनीय कदम है और ऐसे कदम सरकार तुरंत वापस ले और चाहे वो अखिलेश यादव तथा उनके समर्थक हों या कोई सामान्य नागरिक उसे लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय सेंटर जाकर अपने महानायक के प्रति सम्मान प्रगट करने की तुरंत इजाजत मिले और भविष्य में कभी ऐसे अलोकतांत्रिक कदम की पुनरावृत्ति न हो। यहां ज्ञात रहे कि इसी 2 अक्टूबर को बापू की समाधि राजघाट पर लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक तथा उसके सहयोगियों को शांतिपूर्ण दिल्ली चलो पदयात्रा की समाप्ति करने के पूर्व दिल्ली पुलिस ने सिंघुबॉर्डर पर 30 सितंबर की रात सुरक्षा कारणों से रोककर हिरासत में ले लिया था।