आज 74 आंदोलन के पचास साल पर लिखी गई पुस्तक का विमोचन मुंबई के यूसुफ मेहर अली सेंटर में वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग और महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने किया. विमोचन मुख्य रूप से 1942 आंदोलन के सिपाही सौ साल पार कर चुके जीजी पारीख को करना था पर उनके स्वास्थ्य के चलते उन्हें घर पर पुस्तक की प्रति भेंट की गई. जेपी की बनाई छात्र युवा संघर्ष के आज पचास साल पूरे हुए तो देश भर के कार्यकर्ता जुटे.
बिहार के बोध गया आंदोलन से लेकर पश्चिमी घाट आंदोलन तक के जुझारू कार्यकर्ता जुटे थे.इस पुस्तक में जेपी के दो महत्वपूर्ण इंटरव्यू है. बिहार की जुझारू कार्यकर्ता नूतन, लखनऊ के राजीव हेम केशव से लेकर दक्षिण के गांधी शोभाकांत दास पर विशेष टिपण्णी हैं .नूतन हेमंत के सहजीवन पर जनसत्ता नें संपादकीय लिखा गया था. तो शोभाकांत दास महात्मा गांधी की प्रेरणा से आंदोलन में कूदे थे. ऐसे कई किस्से, संस्मरण आदि भी इस पुस्तक में मिलेंगे. साथ महत्वपूर्ण विश्लेषण भी.
पुस्तक का ब्यौरा
1974 : व्यवस्था-परिवर्तन का आन्दोलन और जेपी का सपना
सम्पादक : अंबरीश कुमार और अरुण कुमार त्रिपाठी
पुस्तक का लिंक :
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