1 जुलाई 2025 को हुई लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान की ऑनलाइन पाक्षिक बैठक में उपस्थित सहभागियों के नाम हैं: मंथन, कल्याण साखरकर, रामशरण, कृष्ण शेखर, योगेंद्र, दीपक धोलकिया, अशोक प्रियदर्शी, जागृति राही, अशोक विश्वराय, शशिशेखर प्रसाद सिंह, रिया तुलिका पिंगुआ, प्रशांत सोनवने, वासंती दिघे, दिनेश प्रियमन, रणधीर गौतम, मनीषा बनर्जी, एंथोनी पी एम, अरविंद मूर्ति, अशोक सोमल, जयंत दिवाण, किरण निशांत, संध्या एदलाबादकर, कारू बोधगया, आनंद कुमार, अपूर्वा, गुड्डी एस एल, शाहिद कमाल, ज्योति पासवान, अंबिका यादव, उदय भागलपुर, ईश्वर अहिरे, पूजा नाखले, कुमार दिलीप, विरेंद्र कुमार .
बैठक में सबसे पहले विभिन्न कार्यसमूहों की गतिविधियों की रिपोर्ट पेश करने का अवसर था। इसमें पर्यावरण कार्यसमूह की ओर से अशोक सोमल ने अपनी बात रखी। इस समूह की ओर से समूह का विजन, मिशन और प्रोग्राम चर्चा के बाद विस्तृत और संक्षिप्त दोनों रूप में तैयार हो चुका है। इस समूह की बैठक महीने में दो बार दसवीं तारीख और 25वीं तारीख को होती है। इस समूह के बाद सांप्रदायिक फासीवाद विरोधी कार्यसमूह की रिपोर्ट मनीषा बनर्जी ने रखी। उन्होंने बताया कि मुर्शिदाबाद के दौरे के बाद अभी कोई गतिविधि या बैठक नहीं हुई है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य कार्यसमूह की बैठक की जानकारी कल्याण साखरकर ने रखी। उन्होंने कहा कि डा. प्रशांत सोनवने और अन्य दो-तीन लोगों से इस समूह से जोड़ने की बात हुई है। एक बैठक के बाद अगली बैठक नहीं हुई है। युवा एवं रोजगार कार्यसमूह की जानकारी उसके प्रभारी की अनुपस्थिति के कारण नहीं रखी जा सकी। चुनाव एवं राजनीतिक सुधार कार्यसमूह की जानकारी शशिशेखर प्रसाद सिंह ने रखी। उन्होंने बताया कि इस समूह की योजना अन्य समूह के साथ मिलकर काम करने की है। CFD की भी इसी विषय पर एक समिति है। उन्हीं के साथ मिलकर काम आगे बढ़ेगा। सीएफडी की समिति की बैठक दो बार हो चुकी है। अन्य संगठनों से संवाद एवं सहयोग के बारे में जानकारी मंथन ने रखी। बताया कि कर्नाटक में संयुक्त होरात के बैनर से देवनहल्ली भूमि सत्याग्रह के लिए एकजुटता संदेश मांगा गया था। लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान की ओर से यह एकजुटता संदेश दीपक धोलकिया जी ने तैयार किया और शशिशेखर प्रसाद सिंह के नाम से भेजा गया।
रिपोर्ट के तहत 20 से 22 जून तक मसूरी के निकट स्थित कांडीखाल में युसूफ मेहर अली संस्थान के परिसर में हुई महिला शिविर की रिपोर्ट रखी गई। किरण, मनीषा बनर्जी और वासंती दिघे ने अपनी बातें रखी। इस शिविर में यह निर्णय हुआ है कि संविधान लागू होने के 75 साल और महिला वर्ष के 50 साल के अवसर पर ‘संविधान और महिला अधिकार ‘ विषय पर जगह जगह कार्यक्रम किया जाएगा। बिहार विधानसभा चुनाव में भूमिका ली जाएगी। छह माह के अन्दर मणिपुर एक महिला टीम जाएगी। इस दौरे की तैयारी की जिम्मेदारी गीता और गुड्डी की होगी। उत्तर प्रदेश के आनेवाले चुनाव के लिए अभी से तैयारी के कुछ काम शुरू करें। अगला महिला समावेश जनवरी 2026 में पनवेल या जलगांव में होगा। उल्लेखनीय महिला संघर्ष , महिला कार्यकर्ता और नेतृत्वकर्ताओं पर एक दस्तावेज बनाने का निर्णय हुआ। उत्तराखंड के जौनसार बावर की विशेष स्थिति पर एक अध्ययन कर अनुशंसा तैयार करने और उसे सरकार को भेजने की बात भी तय हुई।
गौरतलब है कि जौनसार बावर क्षेत्र के गैरआदिवासी यहां तक कि ब्राह्मणों और अन्य सवर्णों को भी आदिवासी आरक्षण मिलता है। और इस तरह आदिवासी आरक्षण की लूट होती है। अभियान के संयोजक आनंद कुमार ने ध्यान दिलाया था कि पुणे सम्मेलन में तय युवा सम्मेलन की दिशा में हुई प्रगति की रिपोर्ट भी आनी चाहिए। अभी तक युवा समावेश (शिविर या सम्मेलन) का आयोजन निश्चित नहीं हो सका है। आनंद कुमार ने सुझाव दिया कि योगेन्द्र और मनीषा जैसे शिक्षण क्षेत्र से जुड़े साथियों को युवा समावेश की जिम्मेवारी निभानी चाहिए। रामशरण भागलपुर ने कहा कि पहले चिन्हित युवाओं की ऑनलाइन बैठक का एक दौर चलाने के बाद यह समावेश हो। उन्होंने 25-30 युवाओं का दो दिन का युवा आयोजन भागलपुर में कराने की अपनी तैयारी भी जाहिर की। भागलपुर के ही उदय ने बताया कि भागलपुर में 24-28 जुलाई राष्ट्र सेवा दल का युवा शिविर हो रहा है। लोकतांत्रिक राष्ट्रनिर्माण अभियान के कुछ साथी वहां आकर उन्हें साथ जोड़ने की कोशिश करें।
रिपोर्ट के बाद बिहार चुनाव के पहले चुनाव आयोग द्वारा शुरू किए गए विशेष गहन रिवीजन के बारे में चर्चा चली। सारे लोगों की समझ थी कि यह विरोधी वोटरों को मतदाता सूची से हटाने की मोदी सरकार की नयी साजिश है। यह बिहार के लगभग तीन करोड़ 40 वर्ष के कम के युवाओं की नागरिकता पर सन्देह करनेवाला फैसला है। इस स्पेशल सघन पुनरीक्षण के खिलाफ माहौल बनाने की जरूरत सभी ने महसूस की। माना कि विरोध की मुख्य दिशा इस रिवीजन को रद्द करने की होनी चाहिए।घ विरोध के बहुतेरे नैरेटिव और सूत्र सुझाये गये। जगह जगह इसके विरोध में कार्यक्रमों का सघन अभियान चलाने का मन बना। पटना, भागलपुर में उसके विरोध में सम्पन्न और निर्धारित कार्यक्रमों की जानकारी भी दी गयी। आनन्द कुमार ने बिहार के लिए एक अलग कार्यसमूह बनाने का सुझाव दिया।
इसके बाद महाराष्ट्र में लाया जाने वाला विवादास्पद और लोकतंत्र-विरोधी जन सुरक्षा विधेयक पर चर्चा चली। महीनों से इस पर विरोध हो रहा है जो व्यापक होता जा रहा है। यह विधेयक हर तरह की लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति को दंडित करनेवाले खतरनाक प्रावधानों से लैस है। इस विधेयक के विरोध में 12 हजार से ज्यादा लिखित आपत्तियां दर्ज करायी गयी थीं। हाल में 30 जून को मुंबई में इसके विरोध में बड़ी सभा हुई है। अभियान से जुड़े साथी भी इन विरोधों में आरंभ से अभी तक शामिल हैं। इस बैठक में कारू, योगेन्द्र, उदय, प्रियदर्शी, शाहिद कमाल, जागृति राही आदि ने भी अपनी बात रखी।
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