
रबी राय जन्म शताब्दी समारोह का आरंभ 25 और 26 नवंबर को लोहिया अकादमी में ‘रबी रे की विरासत और भारत में लोकतंत्र का भविष्य’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के साथ हुआ, जिसका उद्घाटन प्रोफेसर आनंद कुमार ने किया। इस संगोष्ठी में 4 सत्र आयोजित किए गए। प्रोफेसर मनोरंजन मोहंती, प्रोफेसर बीरेंद्र नायक, प्रोफेसर बिजय बहिदार, कल्पना कन्नबिरन, नलिनी रंजन मोहंती, लिंगराज, प्रफुल्ल सामंतरा, ब्रज किशोर त्रिपाठी, रघु ठाकुर, डॉ. सुनीलम, असिस्टेंट प्रोफेसर अफीसा अली के साथ-साथ डॉ. देबी प्रसन्न पट्टनायक, प्रोफेसर स्वाधीन पट्टनायक और गांधीवादी श्रीमती कृष्णा मोहंती ने संगोष्ठी में बात की।
26 तारीख की शाम को, शताब्दी स्मृति व्याख्यान (Centenary Memorial Lecture) भुवनेश्वर के बुद्ध मंदिर सम्मेलन हॉल में हैदराबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर प्रोफेसर जी. हरगोपाल द्वारा ‘लोकतंत्र का भविष्य’ विषय पर दिया गया।

संगोष्ठी के दौरान प्रो. बीरेंद्र नायक द्वारा लिखित और समदृष्टि पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित रबी रे पर ओडिया भाषा की एक पुस्तक का विमोचन किया गया, और स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम में आकार पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित ओडिशा में विस्थापन संकट पर एक पुस्तक “न्याय कहाँ है?” का विमोचन किया गया।
लोहिया अकादमी के सचिव देवप्रसाद रे के मार्गदर्शन में लोहिया अकादमी और रबी रे जन्म शताब्दी की राज्य इकाई ने पूरे दो दिवसीय कार्यक्रम का सक्रिय रूप से आयोजन किया।
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