28 जून। मध्यप्रदेश के इंदौर में विभिन्न जनसंगठनों द्वारा पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर के नेतृत्व में बक्सवाहा जंगल बचाओ पर्यावरण बचाओ की मांग के समर्थन में इंदौर के संभाग आयुक्त कार्यालय के समक्ष प्रभावी मानव श्रृंखला बनाई गई। मानव श्रृंखला में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी,सोशलिस्ट पार्टी इंडिया, आम आदमी पार्टी, एसयूसीआई, लोकतांत्रिक जनता दल, समाजवादी पार्टी, इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस, संयुक्त ट्रेड यूनियन काउंसिल, सिटी ट्रेड यूनियन काउंसिल, जयस, नर्मदा बचाओ आंदोलन, जनता श्रमिक संघ, कामकाजी महिला संगठन, भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा), प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ, भारतीय महिला फेडरेशन, फूलन आर्मी, साक्षी सेवा समिति, भगतसिंह दिवाने ब्रिगेड, लोहिया विचार मंच, आम्बेडकर विचार मंच सहित विभिन्न जनसंगठनों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी कर बिड़ला घराने को हीरा खनन के लिए 50 साल की लीज पर दी जा रही जंगल की साढ़े 300 हेक्टेयर भूमि का अनुबंध नहीं करने की मांग की।
बक्सवाहा बचाओ समर्थक समूह इंदौर की ओर से रामस्वरूप मंत्री ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि ऑक्सीजन को तरस रहे देश में छतरपुर स्थित बक्सवाहा के जंगलों में सवा दो लाख हरे-भरे पेड़ों को काटने की तैयारी प्रदेश सरकार ने कर ली है। शिवराज सरकार के इस फैसले से देशभर के पर्यावरण प्रेमियों में रोष है। मानव श्रृंखला और प्रदर्शन में मुख्य रूप से पूर्व विधायक अश्विन जोशी, अरविंद पोरवाल, अजय लागू,सारिका श्रीवास्तव, रामस्वरूप मंत्री, कैलाश लिंबोदिया, अरुण चौहान, हरिओम सूर्यवंशी, रुद्रपाल यादव, कीर्ति राणा, अशोक दुबे, अजय यादव, दुर्गेश खवासे, सत्येंद्र भाई, नवीन मिश्रा, सीमा सेन, न्यामतल्ला खान, चिन्मय मिश्रा, शकील शेख, ओमप्रकाश खटके, रजनीश जैन, भागीरथ कछवाय, कामरेड दलाल, मनोज यादव, प्रमिला चौकसी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शरीक थे।
मानव श्रृंखला की समाप्ति पर कार्यकर्ताओं ने संभागायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया जिसमें बक्सवाहा जंगल को आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी एचएल को 50 साल की लीज पर दिए जाने और सवा दो लाख से ज्यादा पेड़ों के काटे जाने से होनेवाले नुकसान की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि बक्सवाहा के जंगलों को काटने की सरकारी योजना को वापस लेकर देश की प्राकृतिक आक्सीजन की आपूर्ति, पर्यावरण, लाखों पेड़, करोङों जीव-जंतु, बुंदेलखंड के पेयजल, वहाँ के नागरिकों, मूल निवासियों, आदिवासियों का जीवन बचाने का कष्ट करें। सरकार इस प्रोजेक्ट को तुरंत रद्द करे। मानव श्रृंखला के समापन पर प्रदर्शन में शामिल विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि
बक्सवाहा वनक्षेत्र का लगभग 383 हेक्टेयर क्षेत्र हीरा खनन के लिए आदित्य बिड़ला की कंपनी एसेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 50 वर्षों की लीज पर दिया गया है। इसके खनन क्षेत्र का क्षेत्रफल मात्र 62.64 हेक्टेयर है, शेष लगभग 320 हेक्टेयर में खनन का मलबा रखा जाएगा।
सरकार के विकास के दावों पर बक्सवाहा बचाओ समर्थक समूह का कहना है कि इस खनन परियोजना से 400 स्थानीय युवकों को रोजगार मिलने की बात कही जा रही है। क्या 400 लोगों के रोजगार के लिए 3,20,000 लोगों का दैनिक उपयोग का पानी और 27,000 लोगों की सांसें रोक दी जाएं? शिवराज सरकार को रोजगार की इतनी ही फिक्र है तो वह तमाम विभागों में खाली पड़े पदों को भरने की चुस्ती क्यों नहीं दिखाती?
– रामस्वरूप मंत्री
संपर्क 7999952909