(लैंग्स्टन ह्यूज़ ने कोई सत्तर साल पहले यह कविता मॉब लिंचिंग में मारे गए बच्चों के नाम लिखी थी। मेरा यह अनुवाद जुनैद के नाम है, जिसे धर्मांध भीड़ ने मार डाला, आसिफा के नाम जिसे न सिर्फ हौलनाक मौत दी गयी वरन भीड़ ने उसके हत्यारों का जश्न मनाया और उन असंख्य बच्चों के नाम जिनके बचपन पटाखों में बारूद भरने, कालीन और शॉल बुनने, पॉश सोसाइटीज के फ्लैट्स के फर्श चमकाने और खुद से बित्ता भर छोटे बच्चों की परवरिश में मार दिए जाते हैं। – अनुवादक)
मरे हुए बच्चों के नाम
यह कविता उन बच्चों के नाम है
जो मर गये
काले हों या गोरे
बच्चे तो मरेंगे ही
जीते रहेंगे अमीर बुड्ढे
चंद रोज और
हमेशा की तरह
लहू पीते और सोना खाते हुए
बच्चों को मर जाने देते हुए।
बच्चे मिसिसिपी के दलदलों में मरेंगे
बँटाईदारों को संगठित करते हुए
बच्चे शिकागो की सड़कों पर मरेंगे
मजदूरों को संगठित करते हुए
बच्चे कैलिफ़ॉर्न्या में संतरे के बागों में मरेंगे
संगठित होने का आह्वान करते हुए
सफेद और फिलीपीनी,
नीग्रो और मैक्सिकन,
सभी तरह के बच्चे मरेंगे
जो झूठ, रिश्वत और संतोष को नहीं मानते
नहीं मानते इस फर्जी शांति को।
जिंदा रहेंगे पढ़े-लिखे बुद्धिमान लोग
जो अखबारों में सम्पादकीय लिखते हैं
सभ्रांत लोग जिनके नामों के आगे
डॉक्टर लिखा है
चाहे गोरे हों या काले
जो सर्वे करते हैं
और किताबें लिखते हैं
और मरनेवाले बच्चों का दम घोंटने के लिए
शब्दों के कफन बुनते हैं।
लीचड़ अदालतें,
रिश्वतखोर पुलिस,
खून के प्यासे जनरल,
धन के प्यासे बाबा
सब मरनेवाले बच्चों पर हाथ उठाएंगे,
कानून, लाठियों, बंदूकों और गोलियों
से उन्हें मारते हुए
लोगों को डराने के लिए-
क्योंकि बच्चे जो मर गये
वह लोगों के लहू में लोहे जैसे हैं-
और अमीर बुड्ढे नहीं चाहते
कि लोग मरनेवाले बच्चों
के लोहे का स्वाद चखें,
खुद के अंदर की शक्ति को पहचानें,
किसी ऐंजेलो हर्ंडॉन* पर भरोसा करें,
या इकट्ठे भर हो जाएँ
ओ मरनेवाले बच्चो, सुनो-
शायद अभी तुम्हारे लिए
हमारे दिलों के सिवा
कहीं स्मारक न बनें
तुम्हारे जिस्म किसी दलदल में
किसी जेल की कब्र में
किसी खेत में
या उस नदी में
खो जाएँ
जहाँ तुम्हें डुबोया गया
पर वह दिन आएगा-
तुम्हें पता है वह दिन आएगा-
जब मार्च करती हुई जनता
तुम्हारे लिए एक जिंदा स्मारक बनाएगी
प्यार, खुशी और हँसी का स्मारक,
काले हाथ जब गोरे हाथों को थामेंगे,
आकाश को चूमता हुआ एक गाना गूँजेगा-
जिंदगी की जीत का गाना
मरे हुए बच्चों के जरिए।
* ब्लैक मज़दूर नेता
अनुवाद : प्योली स्वातिजा
लैंग्स्टन ह्यूज – अमरीका के सुप्रसिद्ध कवि, कथाकार, नाटककार, स्तंभकार। इसके अलावा वह प्रखर सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। उन्हें ‘हारलेम रेनेसाँ’ (जिसे ‘न्यू नीग्रो मूवमेंट’ भी कहा जाता है) के एक नेता के तौर पर भी जाना जाता है।
Beautiful Poem 👍👌👏👏👏