1 सितंबर। जय किसान आंदोलन ने बुधवार को मिशन यूपी के अंतर्गत मेरठ और मुजफ्फरनगर जिलों में किसान सभाएं व पंचायत की। जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष अविक साहा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कर्नल जयवीर, दीपक लाम्बा, ओड़िशा से आए लिंगराज प्रधान सहित उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मानवेंद्र वर्मा शामिल रहे। सुबह 10.30 बजे मेरठ में जय किसान आंदोलन के सदस्यों ने मीडिया को संबोधित किया, इसके बाद मवाना में किसान सभा की तथा 5 सितंबर की महापंचायत की तैयारियों की जायजा भी लिया। इसके बाद बेहसूमा (मेरठ) में जय किसान आंदोलन के स्थानीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय कार्यकारणी का फूल माला पहनाकर स्वागत किया। किसान पंचायत से लगभग 1 किलोमीटर पहले सिकंदरपुर गांव (मुजफ्फरनगर जिला) में जय किसान आंदोलन के प्रदेश उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र ने योगेंद्र यादव सहित सभी नेताओं का भव्य स्वागत किया।
इस जनजागरूकता अभियान में सभी किसान नेताओं ने सिकंदरपुर से पंचायत स्थल जडवड मुजफ्फरनगर तक ट्रैक्टरों पर बैठकर रोड शो किया। जय किसान आंदोलन के पदाधिकारियों ने जडवड मुजफ्फरनगर में किसान पंचायत की। स्थानीय ग्रामीणों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कर्नल जयवीर ने कहा कि देश का अन्नदाता पिछ्ले 9 महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर संघर्ष कर रहा है और अब यह संघर्ष उत्तर प्रदेश और अधिक प्रभावी ढंग से लाने की बारी है। स्वामी सहजानंद सरस्वती, चौधरी चरण सिंह और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की पूज्य भूमि अब भारत की खेती और किसानों को कॉरपोरेट और उनके राजनीतिक दलालों से बचाने की लड़ाई लड़ेगी।
पिछले एक महीने से जय किसान आंदोलन उत्तर प्रदेश की टीम गांव गांव जाकर 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होनेवाली किसान महापंचायत के लिए लोगों को जागरूक और किसानों की संगठित कर रही है। इसी कड़ी में जय किसान आंदोलन के साथियों ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों का दौरा किया और वहां टीमों का गठन किया। आज जिस तरह उत्तर प्रदेश के किसानों की स्थिति है और जिस तरह सरकार हर दिन अपनी रणनीति बदल रही है, ऐसे में किसान आंदोलन भी अब अगले चरण में प्रवेश कर रहा है और अधिक मजबूत हो रहा है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर होनेवाली महापंचायत ऐतिहासिक होगी। यह वही जगह है जहां पर भाजपा ने दंगों के दौरान अपनी विभाजनकारी नीति के तहत हिंदू मुस्लिम के बीच वैमनस्य पैदा करके समाज को बांटने का कुटिल प्रयास किया था। किसान आंदोलन समाज को संगठित करेगा। 5 सितंबर की महापंचायत देश और प्रदेश की राजनीति में किसानों के आत्मसम्मान को पुनः स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविक साहा ने बताया कि आगे उत्तर प्रदेश सरकार पर दबाव बनाया जाएगा कि किसानों को उनकी फसल का एमएसपी जरूर मिले तथा जिन फसलों (फलों और सब्जियों) पर केंद्र सरकार एमएसपी घोषित नहीं करती है उसके लिए राज्य सरकार के माध्यम से एमएसपी घोषित करने के लिए आंदोलन चलाया जाएगा ताकि छोटे किसानों को एमएसपी का लाभ मिल सके।
जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक लाम्बा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने जिस तरीके से किसानों पर दमन करने की कोशिश की है उससे किसान न डरा है न घबराया है बल्कि और अधिक मजबूती के साथ संगठित हो रहा है। हमारे किसी भी साथी का बलिदान जाया नहीं जाएगा।
बुधवार की किसान पंचायत में जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव सहित राष्ट्रीय अध्यक्ष अविक साहा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कर्नल जयवीर, हरियाणा से आए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक लाम्बा, ओड़िशा से आए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लिंगराज, राजस्थान की मंजू डूडी सहित प्रदेश अध्यक्ष मानवेंद्र वर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह, प्रदेश प्रवक्ता मनीष भारती व जय किसान आंदोलन के अन्य साथी शामिल हुए।
– मनीष भारती
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