जनतंत्र समाज सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ चलाएगा अभियान

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7 नवंबर। जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित ‘जनतंत्र समाज’ ने भारत के लोकतंत्र पर मंडरा रहे खतरों को देखते हुए अपनी सक्रियता बढ़ाने का निर्णय लिया है। जनतंत्र समाज से देश के अनेक जाने-माने एक्टिविस्ट, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार, बुद्धिजीवी जुड़े हुए हैं। जनतंत्र समाज के प्रमुख सहयोगियों ने कोई हफ्ते भर पहले, 30 अक्टूबर को गूगल मीट के जरिए बैठक करके सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ अभियान चलाने तथा तथा चुनावों की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर उठ रही शंकाओं के निवारण के लिए चुनाव आयोग से मिलने का फैसला किया। इस बैठक में महासचिव एनडी पंचोली के अलावा मणिमाला, कलानंद मणि, अनिल सिन्हा, कुलदीप सक्सेना, रामकिशोर, अविनाश,आशुतोष,विजय प्रताप, उज्जैनी, वर्तिका,सतीश कुंदन आदि शामिल हुए थे। चर्चा का मुख्य बिंदु भारत में बढ़ती हुई साम्प्रदायिकता और आगामी चुनाव थे। इसके अलावा भी कुछ बिंदुओं पर चर्चा हुई।

चर्चा के दौरान निम्नलिखित मुद्दों पर सहमति बनी –

1. आगामी चुनाव बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। अतः चुनाव में भले ही सीधा हस्तक्षेप नहीं किया जाए, पर साम्प्रदायिक ताकतों का विरोध अवश्य किया जाए। महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना के समय बदइंतजामी, महिला उत्पीड़न, दलित उत्पीड़न, आदि पर पर्चे-फोल्डर छपवाकर बांटे जाएं और जगह जगह मीटिंग आयोजित की जाए। दंगा रोकने के लिए लोगों को सचेत किया जाए।

2. लोकतंत्र को मजबूत करने, आगामी चुनावों में निष्पक्षता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय चुनाव आयोग से मिलकर प्रतिवेदन दे।

3. निष्पक्ष और लोकतंत्र समर्थक पत्रकारों के बीच में समन्वय स्थापित करने के लिए उनसे संवाद स्थापित किया जाए।

4. युवाओं को जोड़ने के लिए एक राष्ट्रीय लेख प्रतियोगिता आयोजित की जाए। एक विषय सुझाया गया : “उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा”।

5. उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के लिए और साम्प्रदायिकता का मुकाबला करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में तीन बैठकें आयोजित की जाएं। पहली बैठक का संयोजन इलाहाबाद में रविकिरण जैन जी की मदद से अविनाश जी करेंगे।

– रामशरण


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