झूठे आंकड़ों का भूखा है मध्यवर्ग – अरुण कुमार त्रिपाठी

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असत्य और हिंसा को गले लगा चुका भारतीय मध्यवर्ग महज उपभोक्तावादी वस्तुओं का ही भूखा नहीं है। उसे प्राचीन भारत के गौरव-बोध के साथ...

गिद्ध और मांस की पोटली की आधुनिक कथा – डॉ योगेन्द्र

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को बैठाकर निर्देश दिया है कि बिहार को भ्रष्टाचार से मुक्त करें। गृहमंत्री सम्राट चौधरी लोगों को...

संविधान : राष्ट्र की नैतिक स्मृति

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— परिचय दास — संविधान दिवस का यह क्षण हमें न केवल इतिहास के उस गौरवपूर्ण मोड़ की याद दिलाता है, जब 26 नवंबर, 1949...

पुरानी फाइल ने खोले चुनाव आयोग के झूठ – योगेंद्र यादव

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वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण या एसआईआर का बुनियादी झूठ पकड़ा गया है। इस झूठ का पर्दाफ़ाश उस दस्तावेज से हुआ जिसे चुनाव...

सीजेआई क्या हाइड्रोजन बम फोडेंगे जाने से पहले – राकेश अचल

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भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई आगामी 23 नवंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं लेकिन सरकार उन्हे मानसिक रुप से दबाव में लेने...

असंभव विनिमय और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद – प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी

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'सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ' असंभव सामाजिक- सांस्कृतिक -राजनीतिक विनिमय है। उनके यहाँ हर चीज संभव से आरंभ होती है लेकिन असंभव और अनिश्चितता में रुपान्तरित...

इंटरनेट शटडाउन यानि जनता का गला घोंटना

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— राकेश अचल — ओडिशा के कटक शहर में रविवार को भी माहौल तनावपूर्ण बना रहा। दुर्गा पूजा की मूर्ति विसर्जन के दौरान दो गुटों...

लिफाफा संस्कृति जनक है आर एस एस

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— राकेश अचल — दुनिया का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन आर एस एस बीते सौ साल में बिल्कुल बदल गया है. एक जमाना था जब...

मोदी पर भरोसा करके बर्बाद हुए में इस दौर के दो...

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प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ मुनी सानंद और थ्री इडियट फेम सोनम वांगचुक आइए देखते हैं दोनों केस, पहला केस गंगा की रक्षा में शहादत: स्वामी सानंद और...

दस और पांच का शर्मनाक खेल

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— कुमार प्रशांत — कलम में जितनी संभव है, शर्म की उतनी स्याही भर कर, अपने देश ने नाम जितने संभव हैं उतने खून के...