सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी: क्या खतरे में है हमारा लोकतंत्र?
— रमाशंकर सिंह —
दिल्ली में प्रदर्शनों आंदोलनों सत्याग्रहों जुलूसों और विरोध सभाओं का पुराना इतिहास रहा है और विपक्षी पार्टी के नाते तत्कालीन जनसंघ...
भारत में ‘प्रतिस्पर्धी अधिनायकवाद’ लोकतंत्र
— दीपक मलघान —
प्रतिस्पर्धी अधिनायकवाद'मायावी होता है।इसमें संस्थाओं का ढांचा तो बना रहता है लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों की आत्मा क्रमशः लुप्तप्राय होती जाती...
नारी शक्ति का यह कैसा वंदन !
— विनोद कोचर —
21 सितंबर। महिला आरक्षण विधेयक पेश करने के दिन भी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया जबकि फ़िल्म अभिनेत्रियों तक...
मीडिया का पाकिस्तानी एंगल
— गोपाल राठी —
भारत के मीडिया को पाकिस्तान एंगल के बिना खाना नहीं पचता। वे ऐसा कोई मौका नहीं चूकते। चन्द्रयान 2 हो या...
आलोचना से क्यों डरती है सरकार
— गोपाल राठी —
कई "भगत लोग" मुझसे पूछते है कि आप हमेशा मोदी और भाजपा की आलोचना वाली पोस्ट क्यों डालते हो? कभी राहुल...
पंडित जगन्नाथ उपाध्याय की मिसाल
— अफ़लातून —
भारत के प्रथम राष्ट्रपति ने काशी में ब्राह्मणों के पांव धोए थे। तब एक विद्वान ब्राह्मण ने ऐसा करवाने से इनकार कर...
संविधान पर हमले के नौ साल
— विनोद कोचर —
नरेन्द्र मोदी के 9 साल के कार्यकाल में जिस बात का भारत को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है वो है भारत की...
मोदी सरकार के 9 साल, देश हुआ बेहाल
— प्रभात कुमार —
देश में 9 सालों से नरेंद्र मोदी की सरकार है। अगले साल 2024 में देश में आम चुनाव होना है। एक...
‘राजा’ की सनक का एक और उदहारण!
— श्रीनिवास —
अमूमन हर राजा-बादशाह और शासक अपने कार्यकाल में कुछ ऐसा कर जाना चाहता था, जिस कारण इतिहास में उसे खास स्थान मिल...
भारत में मीडिया की आजादी के लिए क्या करना होगा?
— रामशरण —
भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में प्रेस (मीडिया) ही जनता और सत्ता के बीच संपर्क सूत्र होता है। इसीलिए इसे लोकतंत्र का चौथा...