हो रही है अतीत की शत्रुता की ब्राण्डिंग, खाली पड़ी हैं...
— ध्रुव शुक्ल —
इतिहास गवाही देता है कि पूरी दुनिया का जीवन और उसकी तत्कालीन राज्य व्यवस्थाएं अपने-अपने मुल्कों में आक्रांताओं, लुटेरों और उपनिवेशवादियों...
प्रजातंत्र में मोक्ष की प्रयोगशाला
— ध्रुव शुक्ल —
देह ही मोक्ष की प्रयोगशाला है। अपने आपको भूलकर जीते रहने से किसी के होने और न होने का अहसास ही...
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी: क्या खतरे में है हमारा लोकतंत्र?
— रमाशंकर सिंह —
दिल्ली में प्रदर्शनों आंदोलनों सत्याग्रहों जुलूसों और विरोध सभाओं का पुराना इतिहास रहा है और विपक्षी पार्टी के नाते तत्कालीन जनसंघ...
भारत में ‘प्रतिस्पर्धी अधिनायकवाद’ लोकतंत्र
— दीपक मलघान —
प्रतिस्पर्धी अधिनायकवाद'मायावी होता है।इसमें संस्थाओं का ढांचा तो बना रहता है लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों की आत्मा क्रमशः लुप्तप्राय होती जाती...
नारी शक्ति का यह कैसा वंदन !
— विनोद कोचर —
21 सितंबर। महिला आरक्षण विधेयक पेश करने के दिन भी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया जबकि फ़िल्म अभिनेत्रियों तक...
मीडिया का पाकिस्तानी एंगल
— गोपाल राठी —
भारत के मीडिया को पाकिस्तान एंगल के बिना खाना नहीं पचता। वे ऐसा कोई मौका नहीं चूकते। चन्द्रयान 2 हो या...
आलोचना से क्यों डरती है सरकार
— गोपाल राठी —
कई "भगत लोग" मुझसे पूछते है कि आप हमेशा मोदी और भाजपा की आलोचना वाली पोस्ट क्यों डालते हो? कभी राहुल...
पंडित जगन्नाथ उपाध्याय की मिसाल
— अफ़लातून —
भारत के प्रथम राष्ट्रपति ने काशी में ब्राह्मणों के पांव धोए थे। तब एक विद्वान ब्राह्मण ने ऐसा करवाने से इनकार कर...
संविधान पर हमले के नौ साल
— विनोद कोचर —
नरेन्द्र मोदी के 9 साल के कार्यकाल में जिस बात का भारत को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है वो है भारत की...
मोदी सरकार के 9 साल, देश हुआ बेहाल
— प्रभात कुमार —
देश में 9 सालों से नरेंद्र मोदी की सरकार है। अगले साल 2024 में देश में आम चुनाव होना है। एक...