प्रधानमंत्री मोदी कब तक शासन करना चाहते हैं?
— श्रवण गर्ग —
प्रधानमंत्री के इर्दगिर्द एक ऐसा तंत्र विकसित हो गया है जिसने देश की एक बड़ी आबादी को उनकी दैनंदिन की गतिविधियों और व्यक्तित्व के दबदबे के साथ चौबीसों घंटों के लिए...
टीके जैसा जरूरी कर दिया जाए ‘कश्मीर फ़ाइल्स’ देखना!
— श्रवण गर्ग —
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को व्यापक रूप से देखा और दिखाया जाना चाहिए। इसका देखा जाना कोविड के टीके की तरह अनिवार्य भी किया जा सकता है। शुरुआत उन लोगों से...
संघ को डर गांधी से, भाजपा को खौफ कांग्रेस का?
— श्रवण गर्ग —
जी-23’ के अपंजीकृत नाम से सक्रिय कांग्रेस के गैर-जमीनी असंतुष्ट और प्रधानमंत्री मोदी आपस में औपचारिक रूप से मिले हुए बिना भी एक ही उद्देश्य के लिए काम करते नजर आते...
अखिलेश की सबसे बड़ी भूल
— रामशरण —
वर्ष 2022 का यह चुनाव सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से नहीं, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सबक देता है। इस चुनाव में भाजपा की पंजाब को छोड़कर सभी चार राज्यों- उत्तर प्रदेश, गोवा,...
विधानसभा चुनाव : बहस से गायब नयी शिक्षा नीति
— प्रेम सिंह —
करीब एक महीने तक चले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का समापन होने जा रहा है। केवल उत्तर प्रदेश में 7 मार्च को अंतिम चरण का चुनाव बाकी है। चुनावों के...
उत्तर प्रदेश में बदलाव की बयार
— संदीप पाण्डेय —
उत्तर प्रदेश का चुनाव अपने आखिरी पड़ाव पर है। पहले तो यह लग रहा था कि सिर्फ पश्चिमी उ.प्र. में ही जहां किसान आंदोलन का असर है समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय...
क्या राष्ट्रीय राजनीति के समीकरण बदलेंगे?
— प्रेम सिंह —
उत्तराखंड में भाजपा सरकार के खिलाफ सत्ता-विरोधी लहर और अस्थिरता कांग्रेस के पक्ष में प्रमुख कारक माने गए। हालांकि, यह भी सामने आया कि कांग्रेस का चुनावी प्रबंधन अपेक्षाकृत कमजोर था।...
पाँच राज्यों के चुनाव और देश की राजनीति
— प्रेम सिंह —
पाँच राज्यों में 10 फरवरी से 7 मार्च 2022 तक होनेवाले विधानसभा चुनावों का सत्ता की राजनीति और विचारधारा की राजनीति दोनों पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। राजनीतिक पार्टियों, जनसंचार माध्यमों...
स्वाधीन भारत की उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ
— अरमान अंसारी —
आजादी, स्वतंत्रता, स्वाधीनता, स्वराज, अलग-अलग नामों से हम देश की उस परम उपलब्धि को जानते हैं जिसके लिए देश के हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया था। उनके अमर त्याग...
किसान आंदोलन की राजनीति!
— प्रेम सिंह —
तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तत्त्वावधान में चले अभूतपूर्व किसान आंदोलन पर मैंने पाँच-छह लेख लिखे हैं। दोहराव न हो, लिहाजा, यह संक्षिप्त टिप्पणी।
किसान आंदोलन...