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राजनीति

गांधीवादी संस्थाओं पर गिद्ध-दृष्टि

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— जागृति राही — गांधी विचार की संस्थाओं, आश्रमों में घुसपैठ और उन पर कब्जे की कोशिश बीजेपी की सरकारें और संघ के समर्थक लगातार करते आ रहे हैं। वाराणासी में राजघाट स्थित गांधी विद्या...

आरएसएस का असल एजेंडा क्या है

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— विनोद कोचर — इलाहाबाद में 16 से 19 अक्टूबर 2022 को आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में, आरएसएस के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि, "देश में...

स्वाधीन भारत की उपलब्धियाँ और चुनौतियाँ

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— अरमान अंसारी — आजादी, स्वतंत्रता, स्वाधीनता, स्वराज, अलग-अलग नामों से हम देश की उस परम उपलब्धि को जानते हैं जिसके लिए देश के हजारों  स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया था। उनके अमर त्याग...

किस मुंह से इन बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दें?

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— अंकित त्यागी — देश हर साल 14 नवंबर को धूमधाम से बाल दिवस मनाता है। भारत में पहली बार बाल दिवस 1956 में मनाया गया था। 14 नवंबर की तारीख को पहली बार बाल...

असम में असंतोष क्या गुल खिलायेगा 

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- अपूर्व कुमार बरुआ - असम में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के चलते राज्य के विभिन्न समुदायों के बीच दरारें उभर कर सतह पर आ गई हैं। ये दरारें पहले के मुकाबले और भी...

लोकतंत्र की पीठ पर शनि की साढ़ेसाती

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— जयराम शुक्ल — अपने देश की हर समस्या के इलाज के लिए टोने टोटके हैं। कठिन से कठिन समस्या का समाधान उसी से निकलता है। अपने सूबे (मध्यप्रदेश) में अगले साल चुनाव आने को...

सितम के इस दौर में आप किसके साथ हैं

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— रामस्वरूप मंत्री — सन 1977 के लोकसभा चुनाव में किसी को उम्मीद न थी कि इंदिरा कांग्रेस हारेगी। सारा मीडिया, पूँजीपति और सदैव सरकार की गोदी में खेलनेवाले कथित निष्पक्ष साहित्यकार, बुद्धिजीवी, कुलीन आभिजात्य...

‘झांकी’ से आगे

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  — पन्नालाल सुराणा — अयोध्या एक झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है। वर्ष 1986 से यह नारा संघ परिवार के लोग ढोल-नगाड़े बजा-बजाकर जनता को सुना रहे हैं। देश में अकाल आए, भूकंप आए, सुनामी आ जाए,...

जी हाँ, हम अंधभक्‍त हैं, आज का बुद्धिजीवी, शब्‍दों का मकड़जाल, उछलकूद, जलेबी की...

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— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन —  (छठी किस्त) असमिया के प्रख्‍यात साहित्‍यकार, ज्ञानपीठ पुरस्‍कार विजेता, साहित्‍य अकादमी के भू.पू. अध्‍यक्ष वीरेन्‍द्र कुमार भट्टाचार्य लिखते हैं कि “जब लोहिया नेफा गये थे जिसे आजकल अरुणाचल प्रदेश कहा जाता है वे...

नेहरू का रचनात्मक राष्ट्रवाद

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— नीरज कुमार — जवाहरलाल नेहरू आधुनिक भारत के एक सुलझे हुए राजमर्मज्ञ थे। नेहरू जी का राजनीति-दर्शन उन जीवंत विचारों में निहित है जो उन्होंने मुख्यतः इतिहास के विवेचन, भारतीय राजनीति के निर्देशन और...