मंजुला राठौर : सगुण समाजवाद की मौन साधना
— आनन्द कुमार —
( मंजू मेरी सहपाठी, जीवनसंगिनी और धर्मपत्नी थीं। वह हमारी आलोचक, सहयोगी और प्रतिद्वंद्वी भी रहीं। हमने साथ-साथ 1971 में समाजशास्त्र...
महात्मा गांधी का आध्यात्मिकतावाद
— सत्यम् सम्राट आचार्य —
इन्दौर विश्वविद्यालय में पिछले तीन अकादमिक वर्षों से राजनीति विज्ञान के विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम का पारायण करवा रहा हूँ। स्नातकोत्तर...
विन्ध्य के ‘सेतुबन्धु’ थे लक्ष्मीनारायण नायक
— जयराम शुक्ल —
मध्यप्रदेश में हजम हो जाने के बाद भी हम विंध्यप्रदेश को एक राजनीतिक-सांस्कृतिक इकाई के रूप में देखते और परिभाषित करते...
क्या भागवत हिंदुओं को (अहिंसक) उग्रवादी बनाना चाहते हैं?
— श्रवण गर्ग —
संघ प्रमुख मोहन भागवत अगर एक लम्बे समय से सिर्फ एक बात दोहरा रहे हैं कि हिंदुओं को ताकतवर बनने (या...
विषमता की बिसात पर वनवासी
— जयराम शुक्ल —
मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री बिसाहूलाल सिंह के एक बयान से क्षत्रिय वर्ग के लोग आगबबूला हैं। इसकी प्रतिक्रिया में क्षत्रियों के...
शादी किसी की एक महीने की जेल हमें!
— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन —
सन 1968 में दिल्ली में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के हमारे नेता थे, साथी सांवलदास गुप्ता। गुप्ता जी की रहनुमाई...
श्रीमद् राजचंद्र की आध्यात्मिक विरासत
— सुज्ञान मोदी —
आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष मनाया जा रहा है। लेकिन किसी भी आधुनिक राष्ट्र के जीवन में 75 वर्ष का समय...
पटाखों से मत लड़ो !
— प्रेरणा —
मैं इस उलझन में हूं कि किसी को यह कैसे समझाऊं कि आपकी समझ कोई 80-90 साल पुरानी है; और इतनी खतरनाक...
नेहरू का रचनात्मक राष्ट्रवाद
— नीरज कुमार —
जवाहरलाल नेहरू आधुनिक भारत के एक सुलझे हुए राजमर्मज्ञ थे। नेहरू जी का राजनीति-दर्शन उन जीवंत विचारों में निहित है जो...
महिलाओं की पूजा और लंबी उम्र की कामना के लिए भी...
— दिवेश रंजन —
साल में ऐसे कई पर्व हैं जिसमें बहनें अपने भाइयों के लिए व्रत रखती हैं और पूजा करती हैं लेकिन ऐसा...