हमारे भीतर जो एक राक्षस है आइए पहले उसका दहन...

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— जयराम शुक्ल — स्कूल के दिनों में फिल्में देखने की लत थी। बुरी इसलिए नहीं कहेंगे कि फिल्में भी एक पाठशाला ही होती हैं।...

आज लोहिया का रास्ता सूना है और जोखिम-भरा भी

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— रामस्वरूप मंत्री — महापुरुषों की स्मृति से ही कोई समाज ऊर्जा ग्रहण कर निखर सकता है। गांधीजी के बाद डॉ राममनोहर लोहिया ही सबसे...

इस नयी तानाशाही के दौर में जेपी को याद करने के...

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— विमल कुमार — आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 119वीं जयंती है। अब देश और समाज में उनको लेकर अधिक दिलचस्पी दिखाई नहीं देती, अलबत्ता...

निरा ‘आधार’ जिन्दगी का ग्रोथरेट

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— जयराम शुक्ल — आज से कोई बारह-चौदह साल पहले जब यूपीए सरकार ने यूनिक आईडी की अवधारणा दी थी तब स्तंभकार व मैनेजमेंट गुरु...

इंदौर में गांधी-स्मृति

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— रामबाबू अग्रवाल — राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ इंदौर शहर की भी ऐतिहासिक यादें जुड़ी हुई हैं। इंदौर ही वो शहर था जहां महात्मा...

गांधी को याद करने की सार्थकता तभी है जब हम हिंसा...

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— विजय कुमार — देश आजादी के 75वें साल का जश्न मना रहा है। हमारी आजादी 75 साल की हो गयी है। आनेवाली 30...

भ्रम पैदा करने का नाकाम प्रयास

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— रमाशंकर सिंह — वरिष्ठ पत्रकार श्री कुरबान अली जी ने एक लेख लिखा जिसमें उन्होंने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के जनक नेताओं से लेकर सन...

आप कैसे चुप हो सकती हैं!

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— कुमार प्रशांत — निरर्थक बातों का इतना शोर मचा है कि मन तरसने लगा है कि थोड़ी शांति हो कि विवेक की कुछ निर्मल...

अब्दुल हमीद का पराक्रम

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— रमेश यादव — पाकिस्तान ने 1947-49 के दौरान हुई कश्मीर जंग के अनुभवों से सबक न लेकर 1965 में एक बार फिर जंग छेड़...

1942 की एक समानांतर सरकार ‘स्वतंत्र बलिया प्रजातंत्र’

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— विवेकानंद सिंह — 1 सितंबर 1939,दिन शुक्रवार को पोलैंड पर जर्मनी के आक्रमण के साथ ही ही द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारंभ हो गया। ब्रितानिया सरकार...