जी हाँ, हम अंधभक्‍त हैं, क्‍या भारत-पाक महासंघ का विचार डरावना...

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— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन — (चौथी किस्त) लेखक ने इस लेख में लोहिया के विचार भारत-पाक महासंघ की अप्रासंगिकता भी पेश की है। वे लिखते हैं...

भूख है तो सब्र कर

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— जयराम शुक्ल — मुट्ठीभर गोबरी का अन्न लेकर लोकसभा पहुंचे डॉ राममनोहर लोहिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरूसे कहा- लीजिए, आप भी खाइए इसे,...

उत्तर-स्वराज्य और गांधी

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— श्रीभगवान सिंह — भारत के लिए जिस स्वराज्य का सपना गाँधी देख रहे थे, वह केवल ब्रिटिश पराधीनता से स्वाधीन होने तक सीमित नहीं...

आर्यन के बहाने

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— कुमार कुलानंद मणि — किंग ऑफ बालीवुड शाहरुख ख़ान पुत्र आर्यन ख़ान पिछले कुछ दिनों से भारत के मुख्य समाचार बने हुए हैं। उनके...

हमारे भीतर जो एक राक्षस है आइए पहले उसका दहन...

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— जयराम शुक्ल — स्कूल के दिनों में फिल्में देखने की लत थी। बुरी इसलिए नहीं कहेंगे कि फिल्में भी एक पाठशाला ही होती हैं।...

आज लोहिया का रास्ता सूना है और जोखिम-भरा भी

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— रामस्वरूप मंत्री — महापुरुषों की स्मृति से ही कोई समाज ऊर्जा ग्रहण कर निखर सकता है। गांधीजी के बाद डॉ राममनोहर लोहिया ही सबसे...

इस नयी तानाशाही के दौर में जेपी को याद करने के...

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— विमल कुमार — आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 119वीं जयंती है। अब देश और समाज में उनको लेकर अधिक दिलचस्पी दिखाई नहीं देती, अलबत्ता...

निरा ‘आधार’ जिन्दगी का ग्रोथरेट

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— जयराम शुक्ल — आज से कोई बारह-चौदह साल पहले जब यूपीए सरकार ने यूनिक आईडी की अवधारणा दी थी तब स्तंभकार व मैनेजमेंट गुरु...

इंदौर में गांधी-स्मृति

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— रामबाबू अग्रवाल — राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ इंदौर शहर की भी ऐतिहासिक यादें जुड़ी हुई हैं। इंदौर ही वो शहर था जहां महात्मा...

गांधी को याद करने की सार्थकता तभी है जब हम हिंसा...

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— विजय कुमार — देश आजादी के 75वें साल का जश्न मना रहा है। हमारी आजादी 75 साल की हो गयी है। आनेवाली 30...